नहीं पीते हैं गांव का पानी
पत्रिका टीम ने गांव में पहुंचकर जब सरकारी स्कूल में कार्यरत अध्यापकों से बातचीत की तो गांव का सच सामने आया। उनका कहना था कि गांव में लोग बीमार हो रहे हैं। इसका कारण पता नहीं चल पाया है। कई लोग बताते हैं कि पानी की वजह से ऐसा हो रहा है। यहां बाहर से आने वाले लोग गांव का पानी नहीं पीते हैं।
पादरिया गांव में फ्लोराइड के कारण लोग बीमारी से ग्रसित हैं। यहां चालीस के करीब लोग विकलांगता के चलते खाट पकड़ चुके हैं। पत्रिका ने लगातार समाचार प्रकाशित कर समस्या को उजागर किया और अब प्रशासनिक अधिकारी जांच में जुटे हैं। इधर, पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि गांव की स्कूल व पंचायत में कार्यरत सरकारी कर्मचारी पादरिया गांव का पानी पीने से बचते हैं।
पत्रिका टीम ने गांव में पहुंचकर जब सरकारी स्कूल में कार्यरत अध्यापकों से बातचीत की तो गांव का सच सामने आया। उनका कहना था कि गांव में लोग बीमार हो रहे हैं। इसका कारण पता नहीं चल पाया है। कई लोग बताते हैं कि पानी की वजह से ऐसा हो रहा है। यहां बाहर से आने वाले लोग गांव का पानी नहीं पीते हैं।
पंचायत में बिछा टांकों का जाल
ग्राम पंचायत क्षेत्र में नरेगा व अन्य सरकारी योजनाओं से टांकों का जाल बिछा दिया है। लेकिन यह टांके पानी की बूंद के लिए तरस रहे हैं। पादरिया के पास एक खेत में महज पन्द्रह-पन्द्रह की फीट दूरी में तीन टांकों का निर्माण हुआ है।