पिछले साल जहां 17 हजार972 बालिकाएं साइकिल की सवारी कर पाई थी तो बीस बालिकाओं का चयन स्कू टी योजना में हुआ था। इस साल अभी तक एक भी बालिका को योजना का फायदा नहीं मिला है। जिले की हजारों छात्राएं कोरोनाकाल में साइकिल की सवारी का आनंद लेना तो स्कू टी मिलने की खुशियां मनाना चाहती है, लेकिन कोरोना के चलते यह अब तक संभव नहीं हो पाया है।
क्योंकि सरकार दो महत्वपूर्ण योजनाओं में अभी तक न तो नि:शुल्क साइकिलें मिली है और ना ही स्कू टी। साइकिल योजना का इनको मिलता फायदा- राज्य सरकार की साइकिल वितरण योजना के तहत घर से एक किमी या अधिक दूरी से सरकारी स्कू ल आने वाली आठवीं उत्तीर्ण कर नवीं में अध्ययनरत बालिकाओं को नि:शुल्क साइकिल दी जाती है।
इसके पीछे सरकार की मंशा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की है। पिछले शिक्षा सत्र में जिले की १७ हजार ९५२ बालिकाओं को नि:शुल्क साइकिलें मिली थी। इस बार 18765 बालिकाएं हैं जो इस योजना से लाभान्वित हो सकती है, लेकिन अभी तक साइकिलें मिलना तो दूर आवेदन तक नहीं मांगें गए हैं।
इनको मिलता स्कू टी योजना का लाभ- स्कू टी योजना के तहत बारहवीं परीक्षा में आठ वर्ग अजा, अजजा, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य, अल्पसंख्यक, बीपीएल, एसबीसी व नि:शक्तजन एक-एक स्कू टी दी जाती है। शिक्षासत्र २०१९-२० में बीस बालिकाओं का चयन इस वर्ग में हुआ था, लेकिन अभी तक स्कू टी का लाभ नहीं मिल पाया है। नहीं मिली है साइकिलें- इस शिक्षा सत्र में अभी तक कोरोना के चलते स्कू ल शुरू नहीं हुए हैं। इस कारण साइकिल वितरण योजना में साइकिलें नहीं दी गई है। स्कू टी योजना के तहत शिक्षा सत्र १९-२० की बीस बालिकाओं को भी स्कू टी नहीं मिली है। यह सरकार के स्तर का मामला है।- जेतमालसिंह राठौड़, एसीडीईओ बाड़मेर