बाड़मेर सहित राजस्थान के अन्य जिलों में लम्बे समय से काम कर रही कंपनियों ने जमीन लेते वक्त काफी कम मुआवजा दिया था। इसके बाद भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर व अलवर जिले में विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों का उल्लेख करते कहा कि यहां निजी कंपनियां स्थानीय की भर्ती नहीं कर रही है। इसलिए सरकार कानून बनाएं, जिससे स्थानीय को कंपनियों में रोजगार मिल सकें।
सांसद बेनीवाल ने कहा कि एमओयू में भी जमीन के बदले रोजगार की बात को प्राथमिकता के रूप में रखा जाता है। फिर भी स्थानीय लोग रोजगार से वंचित है। इसलिए सभी राज्यों में स्थानीय लोगों को कंपनियों में रोजगार मिले, इसके लिए कानून बनाए जाए।