आशीर्वचन के दौरान परेऊ महंत ओंकार भारती महाराज ने कहा कि जीवन में माता-पिता व गुरु का स्थान बहुत ही ऊंचा होता है। इनके बगैर जीवन का कल्याण संभव नहीं है। सदैव इनकी आज्ञा का पालन करें। माता-पिता-गुरु व गाय की सेवा करें। रणजीत आश्रम बालोतरा के मंहत अमृतराम महाराल, उमरलाई मंहत रामानंद सरस्वती, भोलाराम महाराज, सुखदेव महाराज ने प्रवचन किए। इससे पूर्वरात्रि हुए जागरण में भंवर गोयणा, राजू सुथार, हर्षमाली, अशोक प्रजापत, रमेश माली आदि गायकों ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाते हुए नृत्य किया। इस अवसर पर पूर्वप्रधान ओमाराम भील, मूंगड़ा सरपंच जितेन्द्रसिंह सोढ़ा, वीर दुर्गादास कृषि उपज मण्डी व्यापार मण्डल अध्यक्ष मोहन लाल पालीवाल, मांगीलाल जोशी, मंगलाराम सैन, शंकराराम रोपिया, देरामराम जांगिड़, डूंगरराम देवासी, मोडाराम देवासी, बाबूलाल जांगिड़, उदाराम मेघवाल, जोराराम मेघवाल, भारताराम भील, गोपाराम मेघवाल, मंगाराम भील, राणाराम पालीवाल, शंकरराम देवासी, भूराराम मेघवाल, मालाराम सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे। संचालन नेमीचंद प्रजापत मूंगड़ा ने किया।