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बाड़मेर

मनुष्य जीवन दुर्लभ,परोपकार के करें कार्य

यह संसार माया रचित

बाड़मेरApr 21, 2018 / 09:24 pm

Dilip dave

दूदवा में आयोजित भागवत कथा के दौरान प्रवचन देते संत

दूदवा में आयोजित भागवत कथा के दौरान प्रवचन देते संत

बालोतरा.
मनुष्य जीवन बहुत मूल्यवान है। इसके महत्व को समझते हुए परोपकार के कार्य करें। बाल साध्वी प्रेम बाइसा ने शनिवार को दूदवा में मां रूपादे मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित भागवत कथा का वाचन करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि यह संसार माया रचित है। माया के लोभ में नहीं फंसे। माया के लालच में फंस कर मनुष्य ईश्वर को भूल जाता है। परोपकार के कार्य की बजाय गलत कार्य करता है। इससे उसका जीवन दु:खमय बीतता है। कई कष्ट सहने पड़ते हैं। इसलिए माया से दूर रहें। मनुष्य जीवन का महत्व समझते हुए प्राणी मात्र की सेवा व परोपकार के कार्य करें। दैनिक जीवन में से समय निकाल कर ईश्वर नाम का स्मरण करें। ऐसा करके ही भवसागर को पार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दान में खर्च किया गया धन व्यर्थ नहीं जाता है। इससे धन पवित्र होता व इसकी दुगुनी-तिगुनी बढ़ोतरी होती है। इसलिए सेवा के कार्यों में बढ़चढ़ कर धन खर्च करें। तारातरा मठ महंत स्वामी प्रतापपुरी ने कहा कि नशा नाश की जड़ है। नशा करने से शक्ति व धन दोनों का नाश होता है। इसलिए सदैव नशे से दूर रहें। दूसरों को दूर रहने के लिए प्रेरित करें। कुंभाराम ने बताया कि आयोजन में राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी सहित कई विशिष्टगण व श्रद्धालु मौजूद थे।
भोलेश्वरb महादेव मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा आरम्भ, निकली शोभायात्रा

– गणपति पूजन सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित


मायलावास. गांव में शनिवार को देवासी समाज के नवनिर्मित भोलेश्वर महादेव मन्दिर का तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव प्रारंभ हुआ। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
शनिवार को प्रथम दिन गणपति पूजन किया गया। इसके बाद गाजे-बाजे से जलयात्रा निकाली गई। सुबह 10 बजे भोलेश्वर महादेव मंदिर से गाजे-बाजे से कलश यात्रा रवाना हुई। इसमें सबसे आगे ऊंट, घोड़े व हाथी पर सजे धजे युवा हाथ में धर्म ध्वजा लिए व इनके पीछे बालिकाएं कलश लिए चल रही थी। इनके पीछे लाभार्थी भगवान की मूर्तियां लेकर व बड़ी संख्या में श्रद्धालु जयकारे लगाए हुए चल रहे थे। मायलावास गौर चौक, गोगाजी चौराहा, मायलावास चौराहा होते हुए पुन: मंदिर पहुंच शोभायात्रा सम्पन्न हुई। इस अवसर पर मदनसिंह, पुनाराम, जोगाराम सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन व श्रद्धालु मौजूद थे।
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