पटाखा दुकानों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी
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Ignore safety standards at cracker shops
पटाखा दुकानों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी
अग्निशमन यंत्र केवल दिखावे को…
बालोतरा. शहर में चार साल पूर्व जिम्मेदारों की बेपरवाही के चलते एक पटाखा दुकान में आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलने मौत हो गई। इसके बाद प्रशासन ने पटाखों की दुकानों को बाजार की तंग से गलियों से हटा लूनी नदी किनारे लगाने की व्यवस्था करवाई। अब वहां पर पटाखा दुकानों में दुकान संचालक सुरक्षा मानकों को लेकर बेपरवाह बने हुए है।
अधिकांश दुकानों में अग्निशमन यंत्रों को दिखावटी तौर पर रखा हुआ है। पत्रिका टीम ने सोमवार रात में इसे लेकर पड़ताल की तो कई दुकान संचालक ने जिम्मेदारों की आंखों में धूल झोंकने के लिए यंत्र के ऊपर से स्टीकर तक फाड़ दिए, जिससें की उसके अवधिपार होने का पता नहीं चल सके। कई दुकानों पर यंत्र रखे हुए जरूर थे, लेकिन उनके रीफिल करने की तिथि अंकित ही नहीं थी। संवाददाता ने एक दुकान से यंत्र चलाने को लेकर जानकारी चाही तो दुकान बोला- दो दिन को काम है, म्हे इने सीख नै काई करां। मोने (हमको) तो नगर परिषद वालों ने कहा कि आप लाकर रखों, तो हमने लाकर रख दिए। कई दुकानदारों ने बताया कि हम किराए पर लेकर आए, हमें इसकी जानकारी नही है। हालांकि कई दुकानों पर नए अग्निशमन यंत्र रखे हुए थे, उन पर उनके रीफिल करवाने व अवधि पूरी होने की तिथि भी अंकित थी। ऐसे में पटाखा की दुकानों पर सैकड़ों किलो बारूद रखा हुआ है। यहां पर एक चिंगारी तबाही मचा सकती है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी इस ओर गंभीर नही है।