मजूदरों ने बंद रखा काम
बंद…बंद…बंद…बाड़मेर शहर में कई ऑटो घूम रहे थे। जिनमें माइक से बंद…बंद…बंद…बाड़मेर की आवाज गूंज रही थी। शहर में बंद करवाने वाले कार्यकर्ता कम नजर आए। लोगों ने भी स्वत: अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। बंद को सफल बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता दुपहिया वाहन रैली व वाहनों में व्यापारियों से आग्रह कर बंद के लिए समर्थन मांग रहे थे।
सुभाष चौक में धरना
गणेश चतुर्थी महोत्सव को लेकर गणपति की मूर्तियां शहर के प्रमुख स्थानों पर सजी नजर आने लगी हैं। अहिंसा सर्किल पर मूर्ति बनाने वाले इन्हें बिक्री के लिए लेकर आए हैं। बंद के दौरान बिक्री के लिए रखी गणपति की मूर्तियों को तिरपाल से ढक दिया और कारीगरों ने बिक्री नहीं कर बंद का समर्थन किया।
बढ़ती महंगाई: लोगों की पीड़ा -पेट्रोल-डीजल के दाम रोज बढ़ रहे हैं। दाम तो रोज बढ़ जाते हैं, लेकिन हम ऑटो का भाड़ा रोजाना नहीं बढ़ा सकते। पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढऩे चाहिए। भावों में रोजाना बदलाव की जगह पुरानी व्यवस्था लागू होनी चाहिए।
मुकेश कुमार, ऑटो चालक
महंगाई इतनी अधिक बढ़ गई है कि मजदूरी करने वालों का परिवार पालना मुश्किल हो गया है। पेट्रोल-डीजल के दाम रोज बढऩे से दैनिक जरूरत की वस्तुओं के दाम बढ़ जाते हैं। ऐसे में परेशान हो गए हैं।
-महंगाई बेकाबू हो गई है। रोजाना बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम से त्रस्त हैं। सरकार महंगाई पर नियंत्रण करे, जिससे आमजन को राहत मिले। रोज कमाने व खाने वालों के लिए तो समस्या पैदा हो गई है।
-माणकमल, सब्जी व्यापारी