सावों की धूम का इंतजार कर रहे टेंट मालिकों के पास थोड़ी बहुत जो भी बुकिंग हुई थी, उसमें भी कमी हो रही है। टेंट की साइज छोटी करवाई जा रही है तो बर्तन, बिस्तर व अन्य सामान कम किया जा रहा है। वहीं, नई बुकिंग आना कम हो गया है जो लोग शादी समारोह करवा रहे हैं वे अब भवन बुक कर रहे हैं जिससे कि ज्यादा भीड़भाड़ न नजर आए। गौरतलब है कि २४ अप्रेल से लेकर जुलाई के प्रथम पखवाड़े तक सावों की भरमर है, लेकिन कोरोना की मार के चलते टेंट संचालकों की बुकिंग रद्द हो रही है तो कहीं छोटी।
हलवाइयों की मुश्किलें बढ़ी- कोरोना को लेकर सख्ती से पहले हजार-पन्द्रह सौ लोगों के खाने की सूची बन रही थी जिसके अनुरूप हलवाइयों की बुकिंग हुई। हलवाइयों ने भी एडवांस देकर मिठाई, सब्जी के विशेषज्ञों को बुक किया। जो विवाह ६०-७० हजार में बुक हुआ था वहां अब घर वाले सौ जनों से ज्यादा का खाना नहीं बनाने की बात कहते हुए बीस-पच्चीस हजार दे रहे हैं जिससे कारीगरों की मजदूरी भी गले पड़ रही है।
कैटर्स भी परेशान- शादियों में कैटर्स का काम भी खूब चलता है। स्टॉल लगाने के साथ सर्व करने के लिए कैटर्स की लोग बुकिंग होती है लेकिन अब स्टॉल तो लगभग लगने ही नहीं हैं। वहीं सर्व के लिए भी पन्द्रह-बीस की जगह सात-आठ लोगों को बुलाया जा रहा है।
बुकिंग पर संकट– बड़ी बुकिंग पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कोरोना के चलते पूरे साल बेकार बैठे रहे और अब फिर से वहीं नौबत आ गई है। सरकार को विशेष पैकेज टेंट व्यवसायों को देना चाहिए जिससे कि उन्हें आर्थिक संकट न झेलना पड़े।- पदमसिंह राठौड़, टेंट व्यवसायी
जेब से रुपए देने पड़ेंगे– शादियों में मिठाई बनाने के जानकार कारीगरों को एडवांस रुपए देक महीने-दो महीने के लिए बुक करते हैं। अब खाने का मैन्यू व लोगों की सूची छोटी हो रही है तो मेजबान भी हलवाइयों की तय रेट नहीं दे रहे। अब तो जेब से रुपए देने पड़ेंगे।- शेखर दवे , हलवाई