scriptकोरोना से जंग में 24 घंटे जुटे हैं 108 एम्बुलेंस के कर्मवीर | Karmaveer of 108 ambulances engaged in battle from Corona for 24 hours | Patrika News
बाड़मेर

कोरोना से जंग में 24 घंटे जुटे हैं 108 एम्बुलेंस के कर्मवीर

-सेवा का ऐसा जज्बा कि सूचना मिलते ही दौड़ पड़ते हैं-मरीज की जिंदगी बचाना ही एकमात्र उद्देश्य

बाड़मेरApr 21, 2020 / 09:42 pm

Mahendra Trivedi

कोरोना से जंग में 24 घंटे जुटे 108 एम्बुलेंस के कर्मवीर

कोरोना से जंग में 24 घंटे जुटे 108 एम्बुलेंस के कर्मवीर

बाड़मेर। कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में प्रदेश में जीवन वाहिनी 108 एवं 104 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारी दिन रात जुट हुए हैं। लॉक डाउन में कोरोना वॉरियर्स के रूप में मरीजों की जान बचाने के साथ संदिग्धों को क्वारेंटाइन में भेजने का जिम्मा भी बखूभी निभा रहे हैं।
कार्मिक रात-दिन की चिंता किए बिना अपने काम को पहले रखते हुए जीवन वाहिनी की सोच को सार्थक बना रहे हैं। कोरोना संदिग्ध मरीजों को अस्पताल के अलावा अन्य कहीं ले जाना है या शिफ्ट करना है तो कार्मिक तुरंत तैयार रहते हैं। एम्बुलेंस स्टाफ पॉजिटिव से नेगेटिव आने के बाद वापस मरीजों को घर छोडऩे जैसे मुश्किल काम को बखूबी अंजाम दे रहे है।
ये परेशानियां भी कुछ कम नहीं
कुछ लोग आपातकालीन स्थिति नहीं होने पर भी बेवजह 108, 104 पर कॉल कर रहे हैं। कार्मिकों और कंपनी की ओर से अपील की जा रही है कि सिर्फ आपातकालीन स्थिति में ही 108,104 पर कॉल करें। गलत सूचना पर वाहन के अन्यत्र जाने की स्थिति में वास्तविक तक सहायता पहुंचने में देरी की आशंका बढ़ जाती है।
परिवार से दूर, फिर भी मुस्तैद
जीवन वाहिनी एम्बुलेंस कर्मचारी फ्रंट लाइन पर कोरोना महामारी से लडऩे के लिए 24 घंटे 7 दिन फील्ड में खड़े है। एम्बुलेंस कर्मी घर परिवार से दूर रहकर सेवाओं में जुटे हुए है। कार्मिकों की कड़ी में कॉल सेंटर में कार्यरत कार्मिकों, ईएमटी पायलट, चालकों एवं अन्य स्टाफ भी अपनी-अपनी भूमिका पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभा रहे हैं।
बाड़मेर में अब तक 178 कोरोना संदिग्धों को पहुंचाया अस्पताल
बाड़मेर में गत 1 मार्च से 18 अप्रेल तक 178 करोना संदिग्ध मरीजों को एंबुलेंस सेवा के माध्यम से मदद करते हुए अस्पताल व अन्यत्र ले जाया गया। इस दौरान कुल 5275 मरीजों को सेवाएं उपलब्ध करवाई गई। वहीं पूरे प्रदेश में 13200 से अधिक कोरोना संदिग्ध मरीजों को अस्पताल छोड़ चुकी है।
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