प्रदेश के शहरों व बड़े कस्बों में 138 मण्डियां हैं। सितम्बर 2016 में मण्डी बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो गया था। इसके बाद एक वर्ष दो माह से अधिक का समय बीत चुका है। करीब आठ माह पूर्व मण्डी के मतदाताओं की सूचियां तैयार की गई थी, लेकिन उसके बाद चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं हुई।
हक से वंचित हजारों किसान कृषि मण्डी सदस्यों में से सबसे अधिक सीटें किसानों की होती है। उदाहरण स्वरूप सी श्रेणी की कृषि मण्डी बालोतरा में कुल 11 सदस्यों में से छह सीटें किसानों की है। शेष पांच सीटों में से एक व्यापारी, एक विधायक, दो विधायक अनुशंसित व्यक्ति, एक नगर परिषद अनुशंषित व्यक्ति होता है। किसान वर्ग से निर्वाचित सदस्य ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष निर्वाचित हो सकता है। ऐसे में चुनाव नहीं करवाने से हजारों किसानों का हक मारा जा रहा है। बोर्ड अध्यक्ष पद का जिम्मा प्रशासनिक अधिकारियों के संभालने व इनके पास पहले से अधिक कार्य होने पर किसानों की सुनवाई नहीं हो पाती है।
अविलंब करवाएं चुनाव कृषि मण्डी बोर्ड का कार्यकाल जब पूरा हो गया है। किसानों का हक मारा जा रहा है। सरकार अविलम्ब चुनाव करवाए।
-नारायण चौधरी कृषक किसानों के साथ अन्याय कृषि मण्डी बोर्ड कार्यकाल पूरा होने के बावजूद चुनाव नहीं करवाना किसानों के साथ अन्याय है। बोर्ड किसानों की पैरवी का सशक्त माध्यम है।
विजय कुमार कृषक
किसानों को मिले हक मतदाता सूचियां तैयार करवा चुनाव नहीं करवाना अन्याय है। सरकार किसानों को हक प्रदान करवाने के लिए मण्डी चुनाव करवाए।
.मादाराम चौधरी कृषक आदेश मिलते ही चुनाव मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। विभाग के अग्रिम आदेश मिलने पर चुनाव करवाए जाएंगे।
अशोक शर्मा,सचिव