बाड़मेर शहरी क्षेत्र के कई हिस्से स्क्रीनिंग से अछूते, जहां टीमें पहुंची वहां भी पूछकर भर लिए कॉलम
-चिकित्सा विभाग ने बताया कम है स्टाफ- शहर के वार्ड में सेनेटाइजेशन, स्क्रीनिंग से अब तक दूर
बाड़मेर शहरी क्षेत्र के कई हिस्से स्क्रीनिंग से अछूते, जहां टीमें पहुंची वहां भी पूछकर भर लिए कॉलम
बाड़मेर. कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव को लेकर चिकित्सा विभाग का स्क्रीङ्क्षनग कार्यक्रम शहरी क्षेत्र में हर तरफ नहीं पहुंच पाया। ग्रामीण क्षेत्रों में हुई स्क्रीनिंग के मुकाबले शहरी क्षेत्र के कई हिस्सें अभी तक दूर है। यहां एक माह का समय बीतने के बावजूद भी कई वार्ड तक चिकित्सा दल नहीं पहुंचे है। दरअसल, शहर के कई इलाकों में बाहरी लोग आए हंै। स्क्रीनिंग नहीं होने के कारण चिकित्सा विभाग इनका पता नहीं लगा पाया है। हालांकि वार्डवासियों की सूचना होने पर कई लोगों को चिकित्सा विभाग ने होम क्वारंटाइन भी किया है।
रजिस्टर से चला रहे काम
चिकित्सा विभाग के जांच दल के पास आवश्यक संसाधन भी नहीं है। जांच दल महज रजिस्टर में नाम-पता आदि इंद्राज कर रहे हैं। दल घर पहुंचने पर महज नाम व मोबाइल नंबर लिखकर कागजी खानापूर्ति कर रहे है। जबकि चिकित्सा विभाग को प्रभावी तरीके से जांच भी करनी चाहिए।
इन बड़े इलाकों में नहीं हुई स्क्रीनिंग
शहर के नेहरूनगर, सरदारपुरा, रॉय कॉलोनी के कुछ हिस्सें, बेरियों का वास, गेहूं रोड, रेलवे कुआ नंबर-3, इन्द्रा कॉलोनी, सहित कई कच्ची बस्तियों में चिकित्सा विभाग की स्क्रीनिंग टीम नहीं पहुंची।
पूछताछ के अलावा कुछ नहीं हुआ
पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि चिकित्सा विभाग जीएनएम व आशा सहोगनियों ने शहर के कुछ हिस्सों में डोर-टू-डोर सर्वे किया है। जिसमें महज नाम व पता पूछकर रजिस्टर में इन्द्राज कर दिया। जबकि किसी भी चिकित्सा यंत्र से जांच नहीं हुई है। ऐसे में यह कागजी जांच तक ही सिमित रह गई।
नहीं हुई स्क्रीनिंग, सेनेटाइजर जरुर हुआ
पत्रिका ने जब पार्षदों से उनके वार्ड में स्क्रीनिंग को लेकर जानकारी चाही तो अंधिकाश का कहना था कि स्क्रीनिंग नहीं हुई है। नगर परिषद क्षेत्र के कुछ हिस्सों में सेनेटाइजेशन का कार्य हुआ है। हालांकि यह भी पूरे शहरी क्षेत्र में नहीं हो पाया है।
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– शहर में एएनएम कम थी, पूरा प्रयास कर रहे हैं
शहर में वार्ड 55 है, इसकी तुलना में एएनएम महज 5 ही लगी हुई थी। इसके बावजूद हमने जीएनएम से स्क्रीनिंग करवाई है। कुछ हिस्सें छूट गए होंगे। वापस करवा देंगे। पूरा प्रयास है कि हर घर तक चिकित्सा विभाग का जांच दल पहुंच रहा है।
– कमलेश चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाड़मेर