मंदिर अंजनशलाका व प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम को लेकर सुबह 5.30 बजे तीर्थ पर आचार्य कुंदकुंद सूरि, प्रद्युम्नविमलसूरि, कीर्तिचन्दसूरि, कीर्तिदर्शनसूरि व आचार्य कवीन्द्रसूरि सहित अनेक साधु-साध्वीवृंद की निश्रा में विधि विधान से पूजा, घट व दीपक स्थापना, ज्वारारोपण, ज ल यात्रा विधान, माणक स्तम्भ आरोपण-तोरण, पंच कल्याणक पूजा हुई। विधिकारक तुषार बैंगलोर पार्टी एवं तीर्थ ज्ञानशाला प्राचार्य व छात्रों ने विधि विधान से पूजन करवाया। इसके बाद भरत चक्रवर्ती मण्डप, कीर्तिरत्नसूरी विधि विधान मण्डप, महाविदेह नगरी पण्डाल के उद्घाटन कार्यक्रम हुए। पूर्व रात्रि में श्री नाकोड़ा दरबार मण्डल लालबाग मुम्बई व शाखा उज्जैन की ओर से भक्ति संध्या का विशेष आयोजन हुआ। इसमें संगीतकार नरेन्द्रवाणी गोता ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। लालबाग दरबार मण्डल की ओर से श्री नाकोड़ा तीर्थ अध्यक्ष अमृत जैन को मरूधर शिरोमणी शासन रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया। ट्रस्ट मण्डल सदस्यों का बहुमान किया गया। बुधवार को वेदिका पूजन, प्रभुजी स्थापना, नवग्रह, दस दिक्पाल, अष्टमंगल, लघु नन्दार्वत पूजन, सोलह विद्या देवी पूजन, भैरव पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, नवपद पूजन व रात्रि में जागरण होगा।
जैन तीर्थ नाकोड़ा में भैरवदेव स्थापना दिवस के उपलक्ष में सोमवार को बालोतरा से तीर्थनाकोड़ा तक भैरव देव यात्रा का आयोजन हुआ। गाजे-बाजे से निकली रथयात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। बालोतरा के पारस भवन से सुबह गाजे बाजे रथयात्रा रवाना हुई। जिला एवं सेशन न्यायाधीश मदनगोपाल व्यास, उपखण्ड अधिकारी भागीरथराम चौधरी ने इसे हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। अचलगच्छ आचार्य कविन्द्रसागर, ललितविजय , व लवकेश विजय आदि संतों के सान्निध्य में निकली शोभायात्रा में सबसे आगे शृंगारित घोड़े, ऊंट पर युवक धर्म ध्वजा लिए चल रहे थे। वहीं,कलाकार नृत्य की प्रस्तुतियां दे रहे थे। शामिल झांकियां आकर्षण का केन्द्र बनी हुई थी। लोगों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया।
के. विद्युत की रोशनी से जगमगाता नाकोड़ा तीर्थ