यहां तेल क्षेत्रों में देश-विदेश के लोग काम कर रहे हैं। देशभर से आए ये लोग नवरात्र में यहां विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। तेल क्षेत्र का नाम देवियों के नाम से होने से यहां पर इन देवियों की पूजा भी होती है। नौ दिन तक होने वाली पूजा-अर्चना में सभी की श्रद्धा दिखती है।
बाड़मेर भरता है देश का खजाना
बाड़मेर प्रतिदिन 15 करोड़ रुपए का राजस्व प्रदेश और 35 करोड़ से अधिक का राजस्व देश को दे रहा है। इन देवियों के नाम से बने तेल क्षेत्र में तेल उत्खनन लगातार हो रहा है। इतने तेल की वजह से ही रिफाइनरी भी बाड़मेर के पचपदरा में स्थापित हो रही है।
शेष भू- वैज्ञानिक नाम
बाड़मेर में 36 तेल क्षेत्र पर उत्खनन हो रहा है। इनमें से जिनके नामकरण हुए हैं उसमें एकमात्र शहीद तुकाराम के नाम का तेलक्षेत्र है। मुम्बई के शहीद को सम्मान के लिए यह नामकरण हुआ। इसके अलावा देवियों के नाम हैं। जिनके नामकरण नहीं हुए है वे भू- वैज्ञानिक नामों से ही जाने जा रहे हैं।
यह तय किया गया कि तेलक्षेत्र के नाम देवियों के नाम पर रखे जाएंगे। इसके लिए 2001 में आए पहले नाम से ही एेसी परिपाटी हो गई। आने वाले समय में भी देवियों के नाम से ही अधिकांश तेल क्षेत्र होंगे।
अयोध्याप्रसाद गौड़, महाप्रबंधक, केयर्न ऑयल एण्ड गैस