पुराने परिसर के पीछे नए भवन का निर्माण किया गया है, जहां चिकित्सक बैठते हैं और मरीजों का उपचार होता है। यह भवन अभी तक व्यवस्थित नहीं हुआ है। डॉक्टर कहां बैठते हैं, इसकी जानकारी मरीजों को नहीं होने से एक कमरे से दूसरे कमरे में घूमते रहते हैं।
पहले पर्ची की समस्या थी, जिसका समाधान हो गया, लेकिन अब नहीं नई समस्या आ गई है। यहां नि:शुल्क दवा केन्द्र नहीं होने पर मरीजों व उनके परिजन को चिकित्सक की लिखी दवा के लिए पुराने परिसर तक जाना पड़ता है।
दिन में तो फिर भी ठीक है, लेकिन रात में दोनों परिसरों के बीच की दूरी तय करना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि मार्ग में रोडलाइट नहीं होने से अंधेरा छाया रहता है। एेसे में दवाई लाना भी दिक्कत भरा कार्य है।
गंभीर समस्या है
दवाई की दुकानें दूर होने के कारण परेशानी है। इनको नए भवन में शिफ्ट करना चाहिए। – शेखर दवे अंधेरा बना समस्या
रात के अंधेरे में तो मार्ग से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। लाइट की व्यवस्था करनी चाहिए।
दवाई की दुकानें दूर होने के कारण परेशानी है। इनको नए भवन में शिफ्ट करना चाहिए। – शेखर दवे अंधेरा बना समस्या
रात के अंधेरे में तो मार्ग से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। लाइट की व्यवस्था करनी चाहिए।
– रतनलाल काम चल रहा है
दवाई की दुकान को नए भवन में शिफ्ट करने के लिए कार्य निर्माणाधीन है। अंधेरे की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर परिषद को अवगत करवाया गया है। डिस्कॉम को पोल लगाने के लिए भी लिखा जाएगा।
दवाई की दुकान को नए भवन में शिफ्ट करने के लिए कार्य निर्माणाधीन है। अंधेरे की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर परिषद को अवगत करवाया गया है। डिस्कॉम को पोल लगाने के लिए भी लिखा जाएगा।
-बीएल मंसुरिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, राजकीय अस्पताल बाड़मेर