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बाड़मेर

दशकों से अटके थे काम, अब बिना चक्कर हो रहे आसान

-जटिल मामलों का आपसी सहमति से हो रहा समाधान-प्रशासन पहुंचा शहर के वार्ड और गांवों तक तो लोगों के होने लगे काम-सबसे ज्यादा पट्टे पाकर लोगों को मिल रहा सुकून

बाड़मेरOct 14, 2021 / 09:03 pm

Mahendra Trivedi

दशकों से अटके थे काम, अब बिना चक्कर हो रहे आसान

दशकों से अटके थे काम, अब बिना चक्कर हो रहे आसान

बाड़मेर. चक्कर पर चक्कर लगाकर थक चुके लोगों के काम प्रशासन शहरों और गांवों के संग में इतनी आसानी से हो रहे हैं कि पूरी तरह से थक चुके लोग बड़ा सुकून महसूस कर रहे हैं। जो काम दशकों से नहीं हो पा रहे थे, अब प्रशासन उनके गांव आकर काम कर रहा है। खासकर भूमि के मामलों में लोगों को बड़ी राहत महसूस हो रही है कि उनके काम हाथों-हाथ हो रहे हैं।
शिविरों में आने वाले लोग खुश होकर जाते हैं और प्रत्येक व्यक्ति जिसका काम आसानी से यहां हो रहा है, उनका कहना है कि सरकारी कार्यालयों के इतने चक्कर लगाए कि थक हार गए। इसके बाद सोच लिया कि अब कोई काम नहीं होगा। फाइल को रख लिया और उस पर दशकों से धूल चढ़ती गई। अब प्रशासन शहरों और गावों के संग में उनके काम बहुत ही आसानी से हो रहे हैं।
सालों तक भटके और पैसे भी खर्च
कई सालों से यहां से वहा सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटे। सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। बस यही कहा जाता रहा है कि जल्द काम हो जाएंगे। कभी काम के लिए पहुंचते तो साहब नहीं है तो कभी यह सुनने को मिलता है फाइल देखने वाले बाबू आज नहीं आए। छुट्टी पर गए हैं, बाद में आएंगे। ऐसे में काम अटक गए और आने-जाने की परेशानी के साथ पैसे भी खूब खर्च हुए। अब शिविर राहत दे रहे हैं।
-शिविर की सफलता की कहानी बताते खास मामले
भूमिहीन विधवा को मिला नि:शुल्क भूमि का पट्टा
गुड़ामालानी पंचायत समिति क्षेत्र में राजकीय प्राथमिक विद्यालय मेघवालों की ढाणी (सिंधासवा चौहान) में शिविर भूमिहीन विधवा मांगी देवी की झोली में खुशियों से भर गई। शिविर प्रभारी उपखण्ड अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि मांगीदेवी जिनके पति का 14 वर्ष पहले निधन हो गया था। परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी मांगीदेवी पर आ गई थी। परिवार में दो बेटे भीखाराम 20 वर्ष एवं उदाराम 17 वर्ष परिवार की जिम्मेदारी संभालने के सक्षम नहीं है। मांगी देवी के पास गांव में स्वयं के नाम की भूमि भी नहीं थी। शिविर में भूमिहीन विधवा मांगीदेवी को नियम 158 के तहत नि:शुल्क 2275 वर्गफीट का पट्टा जारी किया। पुत्र भीखाराम को शिविर में मां के नाम का पट्टा दिया गया।
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27 साल बाद वारिसों को मिला खातेदारी हक
पंचायत समिति पायलां कला की ग्राम पंचायत एड मानजी में शिविर में नैनु देवी के वारिसानों को 27 साल बाद खातेदारी का हक मिला। ग्राम वणाकों का बेरा ग्राम पंचायत एड मानजी निवासी कवंराराम व अन्य वारिसों ने उपस्थित होकर बताया कि उनकी माता नैनुदेवी की 1993 में मृत्यु हो जाने से राजस्व रेकर्ड में वारिसों के नाम दर्ज नहीं है। शिविर में सार्वजनिक रूप से नाम पढ़ जाने पर ज्ञात हुआ कि उनकी माता का नाम राजस्व रेकर्ड में नन्द देवी अंकित है। वारिसों ने नाम राजस्व रेकर्ड में दर्ज करने को आवेदन किया। आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति व जांच उपरान्त स्व. नैनू देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी जारी करते हुए उनके वारिसों का नाम नियमानुसार राजस्व रेकर्ड में दर्ज किया गया।

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