सी आर चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गौरव यात्रा को लेकर बाड़मेर में जबरदस्त उत्साह है। आने वाले दिनों में गौरव यात्रा बाड़मेर जिले में ऐतिहासिक रहने वाली है। साथ ही श्रेया चौधरी का कहना है कि जिस तरीके के चुनावी सर्वे आ रहे हैं। वह सरासर गलत है। जमीनी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं, तो हमें लग रहा है कि इस बार फिर से भाजपा अपना पाठ पढ़ कर आएगी। गौरतलब है कि आगामी एक और दो तारीख को बाड़मेर जिले की विधानसभा सीटों पर गौरव यात्रा की सभा को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई नेता संबोधित करने वाले हैं।
इंटेलीजेंस फिर से फेल, अब बाड़मेर में सीएम यात्रा के पोस्टर फाड़े
वहीं दूसरी ओर राजस्थान गौरव यात्रा में खुफिया पुलिस के फेल होने का अब दूसरा मामला सामने आया है। इस बार बाड़मेर में सीएम की राजस्थान गौरव यात्रा के पोस्टर फाड़े गए हैं। हांलाकि अब पुलिस ने पोस्टर्स के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है।
दरअसल गुरुवार से पाली से राजस्थान गौरव यात्रा का दूसरा चरण शुरु हुआ है। बताया जा रहा है कि गौरव यात्रा जल्द ही बाड़मेर भी आने वाली है। इसे देखते हुए बाड़मेर शहर की मुख्य सड़कों और चौहट्टन क्षेत्र में भी सीएम और अन्य नेताओं के पोस्टर लगाए गए थे।
रातों रात पोस्टर्स को फाड़ डाला लेकिन रातों रात ही इनमें से कुछ पोस्टर्स को फाड़ डाला गया। गौरतलब है कि इससे पहले पीपाड़ और ओसिंया में गौरव यात्रा के पोस्टर फाड़ने और पथराव को लेकर बवाल हुआ था। बवाल अभी तक जारी है, दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता इसे लेकर एक दूसरे को आरोप लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जोधपुर में 25 अगस्त को राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान तीन जगह पथराव और काले झंडे दिखाने की घटना हुई थी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा 25 अगस्त को जोधपुर ग्रामीण क्षेत्रों में थी। यात्रा के दौरान कहीं मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए गए तो कहीं यात्रा पर पत्थर फैंकने की बात भी सामने आई।
इस पूरे घटनाक्रम को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बडी चूक माना जा रहा है। पुलिस मुख्यालय के आला अफसरों की मानें तो अब चुनावी माहौल शुरू हो गया है और अब मुख्यमंत्री ज्यादा से ज्यादा जन सभाओं और रैलियों में जाएंगी। ऐसे में मुख्यमंत्री की सुरक्षा को ताक में नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में इंटेलीजेंस की ऐसी कार्यशैली से मुख्यमंत्री की सुरक्षा में और भी बड़ी चूक हो सकती है। क्योंकि मुख्यमंत्री जहां भी जाती हैं उनके जाने से पहले स्थानीय स्तर पर पूरी पड़ताल का जिम्मा इंटेलीजेंस के पास होता है।