राजकीय अस्पताल में बुधवार को नसबंदी शिविर का आयोजन तय था। इस शिविर में डा. खेताराम सोनी की ड्यूटी थी लेकिन उन्होंने अचानक अवकाश ले लिया। डॉ. जगराम को धनाऊ डूयूटी पर लगा दिया। इस पर यहां पहुंची करीब 40 महिलाओं को यह जानकरी दे दी गई कि आज तो चिकित्सक ही नहीं है तो ऑपरेशन कैसे होंगे? दूर दराज से आई महिलाओं के परिजनों ने जब पता किया किया तो चिकित्सकों के यहां नहीं होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा कि फिर हमें यहां बुलाया ही क्यों गया है? जब चिकित्सक है ही नहीं तो ऑपरेशन किससे करवाएंगे। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने डा. श्रद्धा गिलगिले एवं दिलीप के उपस्थित होने की जानकारी देते हुए ऑपरेशन होने की बात कही। तब तक 15 महिलाएं और उनके परिजन लौट गए। इस तरह पहले से तय नसबंदी शिविर में चिकित्सकों के नहीं आने से वहां पहुंची 40 महिलाओं में से 15 महिलाओं और उनके परिजनों को निराश वापस लौटना पड़ा।
करना पड़ इंतजार व झेली परेशानी राजकीय अस्पताल में तालमेल के अभाव का खामियाजा नसबंदी को पहुंची महिलाओं व परिजनों को भुगतना पड़ा। चिकित्सकों के अवकाश की जानकारी समय पर नहीं दी गई। नसबंदी को आए मरीज लंबे समय तक इंतजार करते रहे तो उनको परेशानी झेलनी पड़ी। यहां जवाब देने वाला कोई नहीं था कि कौन चिकित्सक आएगा और कब उपचार करेगा? आख़िरकार उनमें से 15 महिलाओं और उनके परिजनों को निराश वापस लौटना पड़ा।
ऑपरेशन हुए है
चालीस महिलाएं आई थी। 25 के ऑपरेशन किए गए है।ं 15 महिलाएं अपनी मर्जी से गई है। उनको किसी ने जाने का नहीं कहा था। न ही ऑपरेशन का मना किया गया है।– डॉ.गोरधनसिंह, कार्यवाहक पीएमओ