इन्होंने बताया कि रेलवे में एक एक कर सभी विभागों का निजीकरण किया जा रहा है, जो कर्मचारी हितों के साथ कुठाराघात है। इससे भविष्य में बेरोजगारी बढ़ेगी। कर्मचारियों की छंटनी करने से रेल सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है। सरकार की ओर से रेलवे को व्यापारिक दृष्टि से देखा जा रहा है जबकि इसे जन सुविधा के तौर पर देखा जाना चाहिए।
प्रदर्शन में समदड़ी भीलड़ी रेल खण्ड यूनियन के अध्यक्ष मोहनलाल विश्नोई, कोषाध्यक्ष महेन्द्रसिंह, मूलाराम चौधरी, किशनाराम, अकबरखान, केशपुरी, जोगाराम, जगदीश, जसाराम, दीपाराम, गुमानसिंह, अशोक, राजेन्द्रकुमार, शाबिरखान, नगाराम, समुन्द्रसिंह, सोहनलाल, नारायणराम, सुभाषचन्द्र सहित अनके कर्मचारी मौजूद थे। निसं.