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एक बारिश के इंतजार में चार माह गुजर गए; पीने का पानी ना चारे का प्रबंध, कैसे बचेगा जिले में पशुधन!

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बाड़मेरSep 22, 2018 / 02:20 pm

ओमप्रकाश माली

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एक बारिश के इंतजार में चार माह गुजर गए; पीने का पानी ना चारे का प्रबंध, कैसे बचेगा जिले में पशुधन!

रामसर. एक बारिश के इंतजार में चार माह गुजर गए। लोग इंतजार करते रहे और फसलें जलती रही। नाडियों में कहीं-कहीं थोड़ा पानी आया, वह भी पन्द्रह-बीस दिन में रीत गया। एेसे में क्षेत्र के 181 गांवों में चारे-पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। पशुपालकों को अपने से ज्यादा पशुधन को कैसे बचाएं, यह चिंता सता रही है।
क्षेत्र के गागरिया, अभे का पार, गरडिया, पांधी के पार, बूठिया, भाचभर, रामसर, इंद्रोई, सियाणी सहित कई ग्राम पंचायतों में बारिश के अभाव में फसलें जल गई। वहीं काफी ग्राम प ंचायतें तो एेसी हैं, जहां पहली बारिश भी नहीं हुई। इसके चलते गांवों में चारे-पानी का संकट पैदा हो गया है। पन्द्रह सौ रुपए मण (चालीस किलो) चारे के भाव पहुंच गए हैं और वह भी मिल नहीं रहा। हालांकि लोग सरकार से राहत की उम्मीद पाले बैठे हैं, लेकिन जब तक गिरदावरी रिपोर्ट नहीं बनती तब तक राहत कार्य शुरू होने की उम्मीद कम ही है।
गडरारोड . एक ओर जहां अकाल दबे पांव दस्तक दे रहा है तो दूसरी ओर प्रशासनिक स्तर पर पेयजल व चारे का प्रबंध नहीं करने से लोगों का धैर्य अभी से जवाब दे रहा है। विशेषकर पानी की कमी के चलते लोगों में रोष है और वे आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। यह स्थिति आगामी माह में जिले में पेयजल व चारे की किल्लत को बयां कर रही है। ग्राम पंचायत रतरेड़ी कलां के राजस्व ग्राम जीणें की बस्ती में पेयजल संकट से परेशान ग्रामीणों ने गुरुवार को नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और समस्या समाधान की मांग की।
ग्रामीण पांचराज वणल ने बताया कि पिछले पांच साल से जीएलआर में पानी नहीं आया हे। उनके अनुसार अब तक तो उन्होंने गुलियाला पार, सामी का पार की बेरियों से प्यास बुझाई, लेकिन अब तो बेरियां भी सूख चुकी हैं। एेसे में पन्द्रह सौ-दो हजार रुपए देकर पानी के टैंकर मंगवा रहे हैं। ग्रामीणों ने समस्या समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान मोहनलाल, मुकेशकुमार, गणेशाराम, प्रदीप कोडेचा, शंकराराम, जलाल खान, हरीश, सारंगराम, खेताराम, अकबर खान आदि मौजूद रहे।
शिव . तहसील क्षेत्र के अधिकांश गांवो में इस वर्ष पर्याप्त बारिश नहीं होने से अकाल के हालात उत्पन्न हो गए हैं, जिससे पशुपालकों को पशु धन की चिंता सताने लगी है। तहसील क्षेत्र के मुंगेरिया, बालासर,धारवी कला, धारवी खुर्द, स्वामी का गांव, निंबला, हडवा, कोटडा, बीसू कला, बलाई सहित कई गांवों में तालाबों में पानी की आवक नहीं होने से पेयजल किल्लत की स्थिति है। वहीं, चारे की कमी भी चल रही है। एेसे में पशुधन को आगामी सात-आठ माह तक बचाना पशुपालकों के लिए परीक्षा की घड़ी होगा। लोग अब इस उम्मीद है कि सरकार जल्दी ही कोई निर्णय लेगी और पशु शिविर शुरू करेगी। रासारा तला निवासी रूघसिंह, स्वामी के गांव के अल्फाखान के अनुसार जल्दी ही चारे-पानी का प्रबंध नहीं हुआ तो पशुधन बचाना मुश्किल हो जाएगा।

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