रक्षाबंधन (rakshabandhan) और स्वाधीनता दिवस (indepedence day), भाई की कलाई पर बंधेगी स्नेह की डोर तो घर-घर फहराएगा तिरंगा (national flag), बाजार में राखी की खरीदारी की रौनक, बहनें पसंद कर रही राखियां] पूर्णिमा को नहीं रहेगी भद्रा, शुभ संयोग में होगा रक्षासूूत्र बंधन
बाड़मेर. रक्षाबंधन (
rakshabandhan) इस वर्ष 15 अगस्त (15 august) को मनाया जाएगा। बहनें शुभ मुहूर्त में भाई को रक्षा सूत्र बांधेंगी। इस साल स्वतंत्रता दिवस (indepedence day) के दिन देशभर में भाई-बहन का प्यार और देश के लिए प्यार एक साथ और मजबूत होगा। बाजारों में रंग-बिरंगी रााखियां सजी हुई हैं। वहीं स्वाधीनता दिवस के लिए तिरंगा (nationl flag) खरीदने का जोश भी नजर आ रहा है। बाजार में तिरंगा और राखी की खरीदारी परवान पर है।
इस बार श्रावण माह में पूरे 19 साल बाद 15 अगस्त के दिन चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग बना है, जो बहुत खास (special) है। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। पर्व में बाधा माना गया भद्रा नक्षत्र (bhadra nakshatra) इस दिन नहीं रहेगा। श्रवण नक्षत्र में पर्व की शुरुआत होगी। सुबह साढ़े आठ बजे शुभ घनिष्ठा नक्षत्र प्रारंभ होगा। सुबह 11 बजे तक सौभाग्य योग व इसके बाद शोभन योग भी शाम तक रहेंगे, जो पर्व की शुभता में बढ़ोतरी करने वाले हैं। कई सालों बाद रक्षाबंधन पर पूरा दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त होगा। स्वाधीनता दिवस के साथ रक्षा सूत्र बांधने का संयोग साल 2000 में एक दिन था। इस बार भी यह संयोग बना है।
पूरे दिन बंधेगी राखी
श्रवण व धनिष्ठा नक्षत्रों के सुखद संयोग में राखी बांधना एवं बंधवाना मंगलकारी रहेगा। श्रवण नक्षत्र प्रात: 8 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। बंधन सूर्योदय के बाद 6.14 बजे से शाम 5.58 बजे पूर्णिमा तिथि तक बांधी जा सकेगी। इसके अलावा विशेष अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:13 से 1:13 बजे तक रहेगा। श्रावणी पूर्णिमा 14 अगस्त को दोपहर 1.46 बजे शुरू होगी और 15 अगस्त को शाम 5.59 तक रहेगी।
भद्रा रहित काल में ही राखी बांधना श्रेष्ठ
काफी सालों बाद इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं होगी। जिससे बहनों को राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को लेकर चिंता नहीं रहेगी। शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधना श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व समाप्त हो जाएगी। इससे यह पर्व का संयोग शुभ और सौभाग्यशाली बन रहा है।
पंडित सतीराम गौड़, बाड़मेर