चौहटन क्षेत्र के मते का तला गांव में सोमवार को एक भीषण सड़क हादसे में तीन बाइक सवार युवकों की मौत हो गई थी। दुर्घटना एक निजी स्कूल की बस से भिड़ंत के कारण हुई थी। घटना के तत्काल बाद जब सड़क पर पड़े इन युवकों को मानवीय सहायता की जरूरत थी, तब वहां मौके पर खड़े लोग तमाशबीन बने हुए थे। बाद में 108 एम्बुलेंस और पुलिस को इत्तला की गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दो युवक तो अचेत पड़े हैं, लेकिन एक युवक का तड़पता शरीर मानो सहायता को पुकार रहा हो। मगर वहां खड़े लोग तमाशबीन बने रहे और उनमें से कुछ लोगों ने वीडियो और सेल्फी लेने में भी शर्म महसूस नहीं की। घटना बाड़मेर जिले के चौहटन उपखंड के मते का तला गांव की है जहां सड़क हादसे में सरहदी गांव मिठड़ाऊ के तीन युवकों की मौत हो गई थी।
ये है पूरा मामला
थाना क्षेत्र के मते का तला गांव में सोमवार को एक स्कूल बस की टक्कर से बाइक सवार तीन युवकों की मौत हो गई। तीनों युवक सरहदी मिठड़ाऊ गांव के निवासी थे। उनके मौत की खबर से समूचे गांव सहित आस-पास के क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। एक साथ तीन युवकों की मौत की खबर के बाद पूरे गांव में चूल्हे नहीं जले।
मिठड़ाऊ निवासी तीनों युवक चौहटन से वापस अपने गांव जा रहे थे। इस दौरान मते का तला गांव के पास स्कूली बच्चों को छोडऩे जा रही एक बस ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार परमानंद (19) पुत्र महेशाराम मेघवाल की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं उसके साथी चदांराम (24) पुत्र कबीराराम व गेमराराम (25) पुत्र तनुराम गंभीर घायल हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर एंबुलेंस 108 से उन्हें चौहटन अस्पताल पहुंचाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद बाड़मेर रैफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान गेमराराम ने दम तोड़ दिया। वहीं गंभीर स्थिति को देखते हुए चंदाराम को वहा से जोधपुर रैफर किया। पचपदरा के निकट पहुंचने पर चंदाराम ने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने बस और बाइक जब्त कर जांच शुरू की। वहीं मृतक परमानंद के शव का पोस्टमार्टम करवा परिजन को सुपुर्द किया।
अस्पताल में हरदम सेवा को उमड़ते हैं युवा
क्षेत्र में किसी भी हादसे या अन्य चिकिसत्कीय सेवा के लिए अस्पताल पहुंचने वाले लोगों की मदद के लिए कस्बे के कई युवा उमड़ते हैं। एम्बुलेंस का सायरन बजते ही वे तत्परता के साथ अस्पताल पहुंच मदद का प्रयास करते हैं। इसी के चलते हादसे के दौरान कई युवाओं ने घायलों को एंबुलेंस से उतरवाने, प्राथमिक उपचार व रैफर के दौरान उन्हें पुन: एंबुलेंस में चढ़ाने, दवाइयों की व्यवस्था सहित अन्य सहयोग दिया। ये दो तस्वीरें हैं मावनीय भावनाओं की। जहां एक ओर तड़पते घायलों को देख भी युवाओं का दिल नहीं पसीजा तो एक तरफ घायलों की मदद के लिए कई हाथ तत्परता के साथ आगे आ गए।