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बाड़मेर

छह दिन किया इंतजार, बाड़मेर से लाने पड़े पटाखा लाइसेंस

– पर्व में तीन दिन शेष, कारोबारियों की हालत खस्ता
– लाइसेंस के अभाव में ब्रिकी नहीं हुई शुरू

बाड़मेरNov 04, 2018 / 11:41 pm

Dilip dave

छह दिन किया इंतजार, बाड़मेर से लाने पड़े पटाखा लाइसेंस

छह दिन किया इंतजार, बाड़मेर से लाने पड़े पटाखा लाइसेंस

बालोतरा. सरकारी लेट-लतीफी ने पटाखा कारोबारियों को छह दिन तक इंतजार करवाया और इसके बाद भी बाडमेर जाकर लाइसेंस लाने पड़े। इसका असर पटाखा ब्रिकी पर हुआ, दुकानदार माल होने के बाद बिकवाली शुरू नहीं कर पाए। अब दिवाली में मात्र तीन दिन बचे हैं, एेसे में जिनको लाइसेंस मिला है, वे इस चिंता में है कि पूरे पटाखे बिकेंगे या फिर अगले साल का इंतजार करना होगा।
जिला प्रशासन के मनमाने रवैये से इस वर्ष शहर के पटाखों कारोबारियों की हालत खस्ता हो गई है। जिला प्रशासन के निर्देश पर 50 दुकानों के आवंटन के लिए उपखंड प्रशासन ने स्थायी, अस्थायी लाइसेंस धारकों से आवेदन मांगे थे। महंगे किराया के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किए। अंतिम तिथि 12 अक्टूबर तक 104 जनों ने आवेदन किया। 18 अक्टूबर को लॉटरी निकालने पर, जिनके नाम दुकान का आवंटन हुआ, उन्होंने आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपखंड कार्यालय में आवेदन किया, लेकिन जिला प्रशासन ने इन्हें समय पर लाइसेस जारी नहीं किया।
इसके लिए आवेदकों ने जिला मुख्यालय बाड़मेर कई चक्कर लगाए, लेकिन अधिकारियों, कर्मचारियों ने इस कार्य में रुचि नहीं ली। 3 नवम्बर शाम तक इन्हें लाइसेंस उपलब्ध नहीं करवाने पर रविवार सुबह कई जने बाड़मेर पहुंचे। वहां से लाइसेंस लेकर शनिवार दोपहर में बालोतरा पहुंचे। इसके बाद दुकानों में पटाखे सजाकर बिक्री शुरू की। पटाखे बिक्री होने की जानकारी पर शहर, क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इन्होंने पटाखे खरीदे।
भारी पड़ी अनदेखी, परेशान पटाखा कारोबारी- जिला प्रशासन ने 29 अक्टूबर से 7 नवम्बर दीपावली पर्व तक पटाखा बेचने का अस्थायी लाइसेंस जारी किया है। दस दिन की अवधि के इस लाइसेंस में साढ़े छह दिन बीत गए है। सोमवार को धनतेरस, मंगलवार को रुपचतुर्थी व बुधवार को दीपावली पर्व है। ऐसे में दुकानों का किराया व संचालन खर्च महंगा होने से इनकी हालत खस्ता हो रही है। दुकान के लिए आवेदन करने, लाइसेंस लाने व इनके संचालन का खर्च अधिक होने पर दुकानदारों की परेशानियां बढ़ गई हैं। उनका चिंता मुनाफा तो दूर लगाई गई रकम मिलेगी या नहीं, इसको लेकर है।
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