दरअसल, जोधपुर-पाली हाईवे पर एसओजी की टीम में गिरफ्त में आई हथियारों की खेप बाड़मेर पहुंच रही थी। एेसे में जाहिर है कि थार के रेगिस्तान में आई आर्थिक उन्नति के साथ अब अपराधी भी बेखौफ हो गए है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बाड़मेर जिले के लिए हथियारों की खेप खतरनाक होने का अंदेशा व्यक्त कर रही है। यहां बाड़मेर पुलिस ने अवैध हथियारों के मामले में गत तीन साल में 95 प्रकरण दर्ज किए है। साथ ही पुलिस ने 64 हथियार यानि देशी कट्टा, पिस्टल, बंदूक व 285 कारतूस बरामद किए है। इसके बावजूद लगातार बाड़मेर में हथियार पहुंच रहे है। पुलिस ने अवैध हथियारों की सप्लाई रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन तस्कर पुलिस की सुरक्षा में सेंध लगाकर आसानी से बदमाशों तक हथियार पहुंचा देते है।
10 हजार से 1 लाख कीमत के हथियार
पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि बाजार में आसानी से 10 से 1 लाख की कीमत के हथियार मिल रहे है। जिसमें देशी कट्टा, पिस्टल, थ्री नॉट थ्री, कटार व अन्य हथियार मिल रहे है। यह हथियार पहले तो मादक पदार्थो की तस्करी में लिप्त तस्कर मध्यप्रदेश से यहां तक पहुंचा देते है। अब हथियारों की तस्करी सीधी होने लगी है।
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एक नजर अवैध हथियार कार्रवाई
वर्ष – दर्ज प्रकरण – जब्त हथियार
2019 – 38 – 15 पिस्टल/देशी कट्टा, 7 बंदूक व 44 कारतूस
2020 – 35 – 19 पिस्टल/ देशी कट्टा, 4 बंदूक व 41 कारतूस
2021 – 21 – 17 पिस्टल/देशी कट्टा, 2 बंदूक व 198 कारतूस