2016 में सेवानिवृत्त आइएएस परमेशचन्द्र की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने जिले में 4 नए पुलिस थाने, बालोतरा में यातायात यूनिट व 4 नए सर्कल गठन को लेकर प्रस्ताव भिजवाए थे। इसमें धनाऊ, कौशलू, जसोल, बालोतरा में महिला थाना तथा बायतु, शिव, सिवाना व पचपदरा में पुलिस सर्कल स्वीकृत करने का प्रस्ताव था। दो साल बाद मार्च 2018 में गृह विभाग ने प्रदेश में 13 नए सर्कल, 28 पुलिस थाने व 26 नई पुलिस चौकियां खोलने की स्वीकृति जारी की। इसमें से जिले को 1 पुलिस सर्कल व तीन पुलिस चौकियां ही मिलीं। धनाऊ, कौशलू, जसोल व बालोतरा में महिला थाने व यातायात यूनिट का प्रस्ताव पूरा नहीं हो पाया। वहीं पचपदरा, सिवाना व शिव पुलिस सर्कल की स्वीकृति का मामला भी अटका हुआ है।
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क्षेत्राधिकार में परिवर्तन की दरकार जिले के कई पुलिस थानों का क्षेत्राधिकार भी व्यवस्थित नहीं है। बालोतरा थाने से आसोतरा गांव की दूरी करीब 8 किमी तथा सिवाना थाने की दूरी 35 किमी है पर आसोरा सिवाना थाना क्षेत्र में है। खेड़, समदड़ी व जोधपुर रोड नगर परिषद सीमा समाप्ति के बाद पचपदरा थाने के हलके में आते हैं। खेड़ व समदड़ी रोड पर कोई वारदात, घटना-दुर्घटना की स्थिति में पचपदरा पुलिस को आधे घंटे के लगभग समय लग जाता है, जबकि बालोतरा पुलिस यहां 10 मिनट में पहुंच सकती है।
— महिलाओं को नहीं मिला परेशानियों से छुटकारा शहर समेत क्षेत्र की महिलाओं को महिला अत्याचार से जुड़े मामलों की शिकायत करने को लेकर महिला थाने के अभाव में परेशानी झेलनी पड़ती है। बालोतरा, पचपदरा, पाटोदी, कल्याणपुर, मंडली, समदड़ी, सिवाना, पादरू, मोकलसर समेत बड़े कस्बों व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को शिकायत के लिए जिला मुख्यालय स्थित महिला थाने जाने पड़ता है या फिर इन थानों में जाना पड़ता है, जहां पर महिलाओं को तकलीफ बताने में हिचकिचाहट महसूस होती है।