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बाड़मेर

कैम्पस तक प्रचार की छूट, फिर भी पूरे शहर में लगे हैं पोस्टर-बैनर

महाविद्यालयों (colleges) में छात्र संगठनों ने अपने-अपने प्रत्याशी भी उतारना शुरू कर दिया है। इस बीच सबसे महत्वपूर्ण है कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार चुनाव (election) सम्पन्न होने हैं। लेकिन कमेटी की सिफारिशों (recommand of committe) का उल्लंघन (violation) चुनाव के शुरूआत में देखने में आ रहा है।

बाड़मेरAug 13, 2019 / 05:32 pm

Mahendra Trivedi

Students' union elections

कैम्पस तक प्रचार की छूट, फिर भी पूरे शहर में लगे हैं पोस्टर-बैनर

बाड़मेर. छात्रसंघ चुनाव (student union election) की घोषणा के साथ ही कॉलेज कैम्पस (college campus) में चुनावी माहौल दिखना शुरू हो गया है। जिले के महाविद्यालयों (colleges )में छात्र संगठनों ने अपने-अपने प्रत्याशी भी उतारना शुरू कर दिया है। इस बीच सबसे महत्वपूर्ण है कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार चुनाव सम्पन्न होने हैं। लेकिन कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन चुनाव के शुरूआत में देखने में आ रहा है। हर जगह सिफारिशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कॉलेज कैम्पस तो पोस्टर-बैनर (poster& banners) से अटा पड़ा है। होर्डिंग तक बनाए जा रहे हैं। वहीं पेम्फलेट तो हजारों की संख्या में बिखरे पड़े रहते हैं।
शहर भर में दिख रहा प्रचार
चुनाव की घोषणा होते ही शहर (city) भर में छात्रसंघ चुनाव के नजारे दिख रहे हैं। जबकि चुनाव के प्रचार की हद कैम्पस तक ही सीमित है। इसके बावजूद शहर में सरकारी इमारतों (public property) , बिजली के पोल, पुल, यातायात नियमों के बोर्ड पर प्रत्याशियों और दावेदारों के बड़े-बड़े पोस्टर लगे हुए हैं।
कोई नहीं कर रहा कार्रवाई
नियमानुसार छात्रसंघ चुनाव प्रचार से संबंधित पोस्टर व बैनर शहर में निजी व सरकारी सम्पत्ति पर लगाने पर सख्त कार्रवाई व एफआइआर दर्ज करवाने का प्रावधान है। लेकिन जिम्मेदारों ने आंखें मूंद रखी है। कॉलेज प्रबंधन की ओर से खानापूर्ति के लिए कमेटियां जरूर दिखा दी जाती है। हकीकत में कार्रवाई तो क्या हिदायत देने की जरूरत भी नहीं समझी जाती है।
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चुनाव को लेकर लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें
2006 में सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे लागू करने के निर्देश
-उम्मीदवार की उपस्थिति 75 प्रतिशत, न्यूनतम अंक प्रतिशत तथा नियमित विद्यार्थी होना चाहिए।
-प्रत्याशी का कोई आपराधिक रेकार्ड नहीं हो।
-उम्मीदवार का चुनावी खर्च 5 हजार से अधिक नहीं हो।
-परिणाम की घोषणा के उपरांत दो सप्ताह के भीतर उम्मीदवार को अपने खर्च की ऑडिट रिपोर्ट कॉलेज प्रबंधन को देनी होगी।
-प्रत्याशी इस तरह की किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो धर्म, भाषाई, जाति व समूह में वैमनस्यता बढ़ाती हो।
-उम्मीदवार किसी के निजी जीवन के पहलुओं की आलोचना नहीं कर सकते हैं। लेकिन उनकी नीतियों की आलोचना की जा सकती है।
-उम्मीदवार किसी वोटर को कोई प्रलोभन नहीं देगा, किसी तरह का भ्रष्ट आचरण नहीं करेगा।
-छात्रसंघ चुनाव के दौरान प्रिंटेड सामग्री प्रचार में काम नहीं ली जाएगी। केवल हस्तलिखित प्रचार सामग्री कॉलेज या विवि की ओर से चिह्नित स्थानों पर लगाई जा सकती है।
-कॉलेज या विवि कैम्पस के बाहर किसी तरह का चुनाव प्रचार या मीटिंग, जुलूस आदि नहीं किए जा सकेंगे।
-कोई भी प्रत्याशी विवि या कॉलेज की सम्पत्ति को विरूपित नहीं करेगा।
-चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार को चुनाव से वंचित किया जा सकता है।
-कैम्पस में पोस्टर, होर्डिंग व ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध होगा।
-चुनाव संबंधी शिकायतों के निपटारों के लिए कॉलेज प्रबंधन एक ग्रिवेंस कमेटी बनाएगा, कमेटी आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों के निपटारे के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगी।
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छात्रसंघ चुनाव: 2019-20 का कार्यक्रम
19 अगस्त: मतदाता सूचियों का प्रकाशन
20 अगस्त: मतदाता सूचियों पर आपत्तियां
20 अगस्त: मतदाता सूचियों का आखिरी प्रकाशन
22 अगस्त: नामांकन दाखिल करना
22 अगस्त: नामांकन जांच व आपत्तियां लेना
23 अगस्त: वैध नामांकन सूची होगी प्रकाशित
23 अगस्त: प्रत्याशी ले सकेंगे नाम वापस
23 अगस्त: प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी
27 अगस्त: सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक मतदान
28 अगस्त: सुबह 11 बजे से मतगणना और तुरंत बाद परिणाम घोषणा

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