मानवेन्द्र ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में उनके पिता जसवंतसिंह का टिकट नहीं मिलने के बाद उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का कॉल आया था और उन्होंने कहा था कि मैं कुछ नहीं कर सकता। जयपुर के एक और दिल्ली के दो नेताओं ने यह सब किया है। लोकसभा चुनाव के बाद हर स्तर पर मैने बताया कि किस तरह राजस्थान में गलत हो रहा है। हमें प्रताडऩा सहनी पड़ रही है, लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई। आज मेरा धैर्य समाप्त हो गया है।
मानवेंद्र ने कहा कि उन्होंने 4 साल तक हर स्तर पर बात की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब स्वाभिमान से जुड़े लोग उनका निर्णय तय करेंगे। इस दौरान सभा में मौजूद कुछ लोगों ने कांग्रेस के नारे लगाने लगे। इस दौरान मानवेंद्र कुछ नहीं बोले, बस मुस्कुराते रहे। मानवेंद्र की पत्नी चित्रा सिंह ने भी कहा कि समाज हमारा निर्णय करेगा। यह तय है कि अब बीजेपी में नहीं रहेंगे। रैली में बड़ी संख्या में जसवंत समर्थक शामिल हुए।
इससे पहले भाजपा से नाराज विधायक मानवेन्द्र सिंह की पचपदरा में आयोजित स्वाभिमान रैली में गैंगस्टर रहे आनंदपाल की मां और श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का पहुंचना चर्चा का विषय बना रहा। रैली में आनंदपाल की मां निर्मला कंवर और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने शामिल होकर मानवेन्द्र सिंह का समर्थन किया। स्वाभिमान रैली में बड़ी संख्या में राजपूत नेता और समाज के लोग एकजुट हुए।