स्वाइन फ्लू का कहर थार में पिछले साल के मुकाबले इस बार अधिक है। साल 2018 में सरकारी रेकॉर्ड में कुल 23 पॉजिटिव मरीज ही सामने आए थे। जबकि इस साल जनवरी के मात्र 18 दिनों में 32 मरीजों की जांच रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आया है। जबकि विभाग अभी 27 ही पॉजिटिव मान रहा है।
चिकित्सा विभाग मान रहा था कि तापमान बढऩे के साथ स्वाइन फ्लू का असर खत्म हो जाएगा। लेकिन तापमान बढऩे के बावजूद मरीजों की संख्या में इजाफा होने से विभाग की चिंता बढ़ गई है। आमजन में जागरूकता की कमी के कारण संक्रमण अधिक बढ़ रहा है। पीडि़त होने के बावजूद परिजन भी मॉस्क लगाने से परहेज कर रहे हैं। इससे मरीज के आसपास रहने वाले संक्रमित ज्यादा हो रहे हैं।
बढ़ते स्वाइन फ्लू के आंकड़ों से चिकित्सक भी हैरान हैं। जबकि मौसम में बदलाव के चलते उन्हें मरीजों के आंकड़ों में गिरावट की उम्मीद थी। वहीं इसका उल्टा हो गया है। ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। टेमीफ्लू के लिए लाइनें लग रही हैं। राजकीय जिला चिकित्सालय की ओपीडी में आने वाले मरीजों के स्वाइन फ्लू के लक्षण नजर आने पर कैटेगरी के अनुसार उन्हें टेमीफ्लू दी जा रही है। अस्पताल से शनिवार को 15 मरीजों के स्वाब के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। यह आंकड़ा अस्पताल में अब तक का सर्वाधिक है। इसके कारण भी चिकित्सक मरीजों को लेकर चिंतित हैं।
जिले में स्वाइन फ्लू से अब तक पांच मरीजों की मौत हो चुकी है। लेकिन चिकित्सा विभाग 1 मौत ही बता रहा है। वहीं इस साल पॉजिटिव मरीजों की संख्या को लेकर विभाग के पास पूरे आंकड़े नहीं है। पिछले 18 दिनों में पांच जनों की मौत हो चुकी है। वहीं पिछले साल चार मरीजों की मौत हुई थी और वह भी साल कें अंत में दिसम्बर माह में ही सारे मामले आए थे। जनवरी में ऐसे हालात नहीं रहे थे।
स्वाइन फ्लू 2018 2019 पॉजिटिव 23 27
मौत 04 05(18 जनवरी तक) गांवों के मरीज ज्यादा इमरजेंसी में आने वाले स्वाइन फ्लू लक्षणों के मरीजों को तुरंत स्वाइन फ्लू क्लिनिक भेजा जा रहा है। कुछ दिनों से गांवों से स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज ज्यादा आ रहे हैं।- डॉ. रामजीवन विश्नोई, राजकीय जिला चिकित्सालय, बाड़मेर