पौधे और पेड़ पानी को तरस रहे हैं। दूब सूख रही है। यहां लगी बैंचें टूट गई हैं। एक तरफ हरियाली है तो दूसरी दो तरफ कंटीली झाडि़यां खड़ी हो गई हैं। वाकिंग ट्रेक का बुरा हाल है। फाउंटन फव्वारे टूट चुके हैं और बंद कर दिए गए हैं। यहां बनाई गई दुकानों के ताले लगे हैं जिनका आवंटन ही नहीं हुआ है।
गर्मियों में सुध लेना जरूरी गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। अभी यहां आने वाले शहरवासियों की संख्या बढ़ रही है। यहां अव्यवस्थाएं देखकर लोग लौट रहे हैं। लोगों को दु:ख भी है कि एक दशक पहले इतना बड़ा कार्य किया गया वह केवल रखरखाव के अभाव में खराब हो रहा है।
विधायक-सभापति दोनों की जिम्मेदारी विधायक मेवाराम जैन ने अपने कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि के रूप में इसको गिनाया था, अब विधायक तीसरी बार जीते हैं। पार्क के हालात उनके कार्यकाल में ही खराब हो रहे हैं।
पेयजल और अन्य प्रबंध समय पर करवाने के लिए विधायक की दिलचस्पी जरूरी है। सभापति की ओर से भी इसका निरीक्षण कर योजना अलग से बनाने की दरकार है। किया है निरीक्षण मैने आज निरीक्षण किया है। अधिकारियों से पानी के प्रबंध व स्टोरेज के लिए बात की गई है। सफाई व अन्य इंतजाम प्राथमिकता से करवाए जाएंगे।
– दिलीप माली, सभापति, नगरपरिषद, बाड़मेर आदर्श स्टेडियम में अव्यवस्थाओं का आलम सालों से हैं। पेड़-पौधे व दूब पानी के अभाव में जल रही है। न नगरपरिषद ध्यान दे रही ना प्रशासनिक अमला सुध ले रहा है।
– रतनलाल स्टेडियम में स्वच्छता की पोल खुल रही है। शौचालयों की सफाई नहीं होती। वहीं, शौचालयों पर ताले लगे होने से यहां आने वाले लोगों को परेशानी होती है। – शंकरभवानी
यहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। प्याऊ में पानी आता नहीं है। कभी-कभार पानी आता है तो वह भी गंदा होने से लोग पीते नहीं। अपने साथ पानी लेकर आएं या फिर बाहर से पानी खरीदें यह व्यवस्था है।
– नेनाराम फव्वारों पर लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन चार-पांच दिन बाद ही बंद हो गए। फव्वारों का सामान चोरी हो गया, देखभाल करने वाला कोई नहीं है। – बालाराम सालों पहले तत्कालीन कलक्टर वीणा प्रधान ने इसकी सुध ली थी, उसके बाद यह उपेक्षा का शिकार है। अभी यहां अव्यवस्थाओं का आलम है। अभी वे जिला प्रभारी सचिव हैं, एेसे में सुध लेकर इसको सुधारें।
– जोगेन्द्रकुमार राठौड़ रोड लाइटें बंद होने से यहां अंधेरा छाया रहता है। सुबह जल्दी घूमने आने वाले लोगों को अनहोनी का डर रहता है। कई बार प्रशासन व नगरपरिषद को लोगों ने अवगत करवाया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो रहा।
– नारायणकृष्ण चौधरी