पाकिस्तान में अत्याचार व धार्मिक उत्पीडऩ की वजह से त्रस्त लोग अब वहां से अपनों के पास भारत आना चाह रहे हैं। थार एक्सप्रेस 18 फरवरी 2006 को शुरू हुई और 16 अगस्त 2019 को बंद किया गया तब तक करीब 18 हजार लोग भारत आ गए और जोधपुर में दीर्घ अवधि वीजा पर रह रहे हैं।
नहीं आ सकते बाड़मेर -जैसलमेर सुरक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को बाड़मेर-जैसलमेर का वीजा नहीं मिल रहा। एेसे में यहां अपनों से मिलने आए तो भी ये लोग जोधपुर ही रहे और जिन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया वे भी जोधपुर आकर दीर्घ अवधि वीजा पर रह रहे हैं।
दलितों का पलायन सर्वाधिक पाकिस्तान से आने वालों में सर्वाधिक दलित परिवार हैं। सिंध और कराची तक बसे भील और मेघवाल परिवारों को वहां अत्याचार सहना पड़ रहा है। ये परिवार थार एक्सप्रेस के जरिए पिछले समय में बड़ी संख्या में आए हैं जो अभी जोधपुर में निवास कर रहे हंै।
स्वागत योग्य हम इस बिल का स्वागत करते हैं। यह हमारे लोगों के लिए बड़ा फायदेमंद होगा। पाकिस्तान छोड़कर जोधपुर आकर बसे शरणार्थी परिवार इससे लाभान्वित होंगे। – हिन्दूसिंह सोढ़ा, अध्यक्ष, सीमांत लोक संगठन
कई परिवार आए हैं जोधपुर आकर बसे परिवारों की नागरिकता को लेकर लंबा संघर्ष चल रहा है। अब यह आसान होगा। नागरिकता को लेकर सरलीकरण ही हमारी बड़ी मांग थी। – डा. बाबूदान, अध्यक्ष, ढाटपारकर वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन