उन्होंने वीर दुर्गादास को युवा आदर्श का प्रतीक बताते हुए उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा लेने की अपील की।
क्षत्रिय युवक संघ के स्वयंसेवक दीपसिंह रणधा ने गीत प्रस्तुत किया। छगनसिंह लूणू ने ‘क्षिप्रा के तीरÓ कहानी का वाचन किया।
इस मौके पर देवीसिंह माडपुरा, प्रकाशसिंह भुरटिया, समदरसिंह देदूसर, आजादसिंह शिवकर, कमलसिंह गेहूं सहित विद्यार्थी मौजूद रहे। संचालन प्रांत प्रमुख महिपालसिंह चूली ने किया। ये भी पढ़े… श्रेष्ठ सभा पुरस्कार से सम्मानित
जसोल. श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महासभा ने बेंगलुरू में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वाधिक आध्यात्मिक गतिविधियां संचालित करने के लिए तेरापंथी सभा जसोल को प्रथम श्रेष्ठ सभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जसोल सहमंत्री कांतिलाल ढेलडिय़ा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम में जसोल सभा अध्यक्ष डूंगरचंद सालेचा, मंत्री संपतराज चौपड़ा, उपाध्यक्ष माणकचंद संखलेचा, कोषाध्यक्ष डूंगरचंद वडेरा को सम्मानित किया गया। इस पर जसोल के पदाधिकारियों, सदस्यों ने खुशी जताते हुए बधाई दी।