दरअसल बाड़मेर जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते इस रोड़ से गुजर रहे थे। यकायक उनकी नजर सड़क के एक किनारे पर पड़ी। यहां समूह में बैठे बच्चे घरोंदा बना रहे थे। कलक्टर को दूर से ही यह घरौंदा एेसा खूबसूरत लगा कि वे खुद को रोक नहीं पाए। गाड़ी को रुकवाया और इन बच्चों की तरफ निकल पड़े।
अपने पास अजनबियों को आते देख बच्चे भागने लगे लेकिन उनको रोक लिया गया। कलक्टर ने घरौंदा देखा तो वे मुस्कराने लग गए। फिर उन्होंने बच्चों से पूछा कि क्या-क्या बनाया है। इसके बाद इन बच्चों की पढाई के बारे में जाना। साथ में मुख्य कार्यकारी अधिकारी मदनलाल नेहरा भी थे। जिनके साथ उन्होंने अपने बचपन की बातें भी साझा की। कलक्टर ने घरौंदे तक आ रही सड़क को देखकर भी सवाल किए कि उनके घर तक सड़क आती है या नहीं।
साथ ही मकान में की गई सुविधा और उनके घर की सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान कलक्टर ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए 500 रुपए का ईनाम दिया। कलक्टर ने कहा कि अपने अंदर के बचपन को जिंदा रखो। इन कल्पनाओं के संसार के साथ आगे बढ़ों।
बचपन कभी लौटकर नहीं आता है। मोबाइल और इंटरनेट की दुनियां में शहर में हर कोई खोया हुआ है लेकिन इस तरह बचपन को जीने वाले अब कम लोग है। जब तक हों प्रकृति के साथ रहकर इसको जीओ।
वायरल हुआ फोटो- कलक्टर के साथ बच्चों का यह फोटो खूब वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर इसको लेकर प्रतिक्रियाएं भी काफी आई है। लोगों ने बच्चों को बधाई दी कि उनके घर के आगे कलक्टर खड़े है। बधाई हों, मुहुर्त पर कलक्टर आए है आदि आदि।
अच्छा लगा मेरे को- मेरे को बच्चों का यह घरौंदा बहुत ही अच्छा लगा। बचपन की याद दिला दी। इस तरह का स्वच्छंद बचपन बहुत ही अच्छा लगता है। कल्पना से बने घरौंदे बच्चों के घर की पसंद को भी दर्शाते है।
– शिव प्रसाद मदन नकाते, जिला कलक्टर