छह साल में अण्डर ग्राउंड केबल मानो जमीन में दफन हो चुकी है तो ट्रांसफार्मर यह याद दिला रहे हैं कि बाड़मेर में यह योजना लागू होनी थी। बाड़मेर शहर की तंग गलियों व संकरे बाजार में विद्युत तारों का जाल व खम्भे हादसे को न्यौत रहे हैं।
शहर को तारों के जाल से मुक्ति मिले इसलिए री स्ट्रक्चर्ड एक्सलिरेटेड पॉवर डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बजट स्वीकृत किया गया। करीब २२ करोड़ के बजट से ४९.९५ किमी में अंडरग्राउंड लाइन, ५९.४० किमी में नइ एलटी अंडरग्राउंड लाइन सहित विभिन्न कार्य होने थे। सरकार की ओर से जारी बजट का पूरा उपयोग करते हुए उक्त कार्य कर दिया, लेकिन कनेक्शन का कार्य अटक गया। यह कार्य कई सालों से अटका हुआ है जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।
शहर में तारों का जाल, जनता परेशान- शहर में अभी भी सालों से तारों का जाल बिछा हुआ है तो जनता भी परेशान है। स्थिति यह है कि कई जगह तो विद्युत तार लगभग सिर को छू कर गुजर रही है। एेसे में अंडरग्राउंड केबल योजना लागू नहीं होने से आमजन खतरे के साथ परेशानी झेलनी पड़ रही है। अंडरग्राउंड लाइन दफन, ट्रांसफार्मर को नुकसान- लम्बे समय से अण्डरग्राउंड केबल की सुध नहीं लेने से अब यह जमीन में दफन हो चुकी है। आसपास के लोगों के मकान बनाने से कई जगह यह जमीन के अंदर टूट गई। वहीं, ट्रांसफार्मर में विद्युत कनेक्शन नहीं करने से उनके ढक्कन लोगों ने तोड़ दिए हैं।