scriptशिक्षकों के बगैर चल रहे हैं जिले के एक हजार स्कूल | A thousand schools of the district are running without teachers | Patrika News
बड़वानी

शिक्षकों के बगैर चल रहे हैं जिले के एक हजार स्कूल

तीन ब्लॉक में 199 स्कूल शिक्षक विहिन, कोर्स पूरा कराने का बड़ा संकट इस सत्र में, अब तक अतिथि अध्यापकों के भरोसे चल रहे थे स्कूल

बड़वानीJun 26, 2018 / 11:07 am

मनीष अरोड़ा

A thousand schools of the district are running without teachers

A thousand schools of the district are running without teachers

बड़वानी. प्रधानमंत्री आकांक्षी जिले में शुमार बड़वानी जिले में स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर जमकर काम करने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद भी जिले में स्थिति यह हैकि कुल एक हजार स्कूल ऐसे हैं जो या तो जीरो या सिंगल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। तीन बड़े ब्लॉकों बड़वानी, पाटी और सेंधवा में कुल 199 स्कूल शिक्षक विहिन हैं। ऐसे में कैसे पढ़ेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया? यह बड़ा सवाल है। फिलहाल जिले की स्थिति सुधारने का दबाव जिला प्रशासन पर है।इसके लिए लगातार बाहर से भी टीमें आ रही हैं, दौरे कर रही है, लेकिन इसका असर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। नया शिक्षा सत्र शुरू हुए एक सप्ताह हो चुका है, लेकिन कई स्कूलों में शिक्षक नहीं होने से विद्यार्थियों पर भी इसका असर पडऩा लाजिमी है।
शिक्षा को लेकर की जा रही जद्दोजहद
जिले में शिक्षा को लेकर काफी जददेजहद की जा रही है। देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बड़वानी में शिक्षा की स्थिति अतिथियों के भरोसे ही टिकी हुई है। जिले में एक हजार स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है। इनमें से कुछ स्कूल मात्र एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इससे पहले तक इस कमी को अतिथि शिक्षकों के जरिये छुपाया गया था। लेकिन पिछले सत्र में अतिथि शिक्षकों की भर्तीको लेकर चले असमंजस के चलते इन स्कूलों में पढ़ाई का नहीं के बराबर ही हुई।जितनी पढ़ाई कराई गई वह भी दूसरे स्कूलों से शिक्षकों को इन स्कूलों में भेज कर कराई गई।
इस बार भी अतिथियों का ही भरोसा
पिछले सत्र में अतिथि शिक्षकों की भर्ती ऑन लाइन करने की घोषणा की गई थी।लेकिन आधे से ज्यादा सत्र खत्म होने तक अभ्यर्थियों के दस्तावेज ही वेरिफाई नहीं हो पाए थे। बाद में यह भर्ती भी नहीं हुई थी। जिसका खामियाजा विद्यार्थियों के अलावा उन शिक्षकों को भुगता था, जिन शिक्षकों को दूसरे स्कूलों से ऐसे स्कूलों में पढ़ाने भेजा गया था।न तो बच्चों को पूरा कोर्स पढ़ाया गया और न ही शिक्षकों का इंतजाम किया गया था । इस सत्र में भी अधिकारी फिर से अतिथि शिक्षकों की भर्ती का ही इंतजार कर रहे हैं। यदि इस बार फिर किसी वजह से ये भर्ती लेट हुई या पिछली बार की तरह टल गई तो इस सत्र में भी बच्चों की पढ़ाई राम भरोसे ही रहेगी।
तीन ब्लॉक में सबसे ज्यादा हाल खराब
जिले में बड़वानी ब्लॉक में 32 स्कूलों में शिक्षक नहीं है। यह स्थिति तब है जब बड़वानी जिला मुख्यालय है। यहां शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं कर पाना शासन की बड़ी नाकामयाबियों में गिना जाएगा, लेकिन बड़वानी से ज्यादा हालात खराब सेंधवा ब्लॉक की है।यहां 94 स्कूलों में शिक्षक नहीं है। ज्यादातर में प्राचार्य भी नहीं है। सेंधवा की स्थिति को पत्रिका पहले भी प्रकाशित कर चुका है। यहां 112 प्राथमिक, 30 माध्यमिक, 65 प्राथमिक स्कूलें हैं। इनमें से 94 में शिक्षक नहीं हैं। इन स्कूलों में भी अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही काम चलाया जाता रहा है।सेंधवा के बाद पाटी ब्लॉक में शिक्षकों का अकाल सा है। इस ब्लॉक में 349 प्राथमिक और 93 मीडिल स्कूल हैं। इनमें से 73 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं।
वर्जन…
इसकी जानकारी एसी या डीपीसी से लीजिए। ज्यादातर स्कूल ट्रॉयबल के हैं।सही आंकड़ा उन्हीं के पास मिलेगा।
-सीएस टैगोर, जिला शिक्षा अधिकारी
जिले में एक हजार स्कूल शून्य या एक शिक्षक वालें हैं। अतिथि शिक्षकों की भर्तीप्रक्रिया शुरू की गईहै। इसके बाद स्कूलों में शिक्षकों की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी।
-संजय तोमर, डीपीसी बड़वानी

Home / Barwani / शिक्षकों के बगैर चल रहे हैं जिले के एक हजार स्कूल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो