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बड़वानी

राजघाट की दूसरी ओर भी तोड़ा पुल का रास्ता, फिर हुआ विरोध

जेसीबी के सामने खड़ी हुई महिलाएं, नबआं कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी, सैकड़ों लोगों की रोज होती आवाजाही, 20 किमी लंबा हो जाएगा रास्ता, नर्मदा में लगातार बढ़ रहा जल स्तर, प्रशासन ने कहा नहीं कर सकते पुल चालू

बड़वानीAug 06, 2019 / 10:22 am

मनीष अरोड़ा

Bridge on the other side of Rajghat also broke

Bridge on the other side of Rajghat also broke

बड़वानी. नर्मदा के लगातार बढ़ते जलस्तर के बाद प्रशासन हाई अलर्ट पर है। सोमवार को नर्मदा का जल स्तर खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर पहुंच गया। रविवार शाम को बड़वानी प्रशासन ने धार जिले को जोडऩे वाले राजघाट के पुल का रास्ता गड्ढा खोदकर बंद किया था। वहीं, सोमवार को धार जिला प्रशासन ने राजघाट पुल का रास्ता चिखल्दा की ओर से बंद किया। जेसीबी लेकर पहुंचे अधिकारियों को यहां ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के विरोध का सामना भी करना पड़ा। करीब एक घंटे चली बहस के बाद बाइक के लिए रास्ता छोडऩे की बात पर लोगों ने पुल के मुहाने पर गड्ढा खोदने दिया।
चिखल्दा की ओर से पुल बंद करने के लिए कुक्षी एसडीएम ओंकारसिंह कलेश, एसडीओपी मनोहरसिंह बारिया, टीआई केएस पंवार और पुलिस बल जेसीबी लेकर पहुंचा था। यहां महिलाएं जेसीबी के सामने खड़ी हो गई और पुल तोडऩे का विरोध करने लगी। चिखल्दा निवासी वहीद मंसूरी ने बताया कि चिखल्दा और आसपास के करीब 10 गांवों के लिए बड़वानी पहुंचने का सीधा रास्ता है। पुल बंद होने से पांच किमी का रास्ता 22 किमी लंबा हो जाएगा। पूर्व में पुल बंद किए जाने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। एक प्रसूता की समय पर अस्पताल नहीं ले जाने पर मौत भी हो गई थी। वहीं, धार जिले के कई विद्यार्थी भी बड़वानी में अध्ययनरत है, उनकी भी परेशानी बढ़ जाएगी। लंबी बहस के बाद प्रशासन ने बाइक निकलने के लिए जगह छोड़ी तब जाकर ग्रामीणों ने गड्ढा खोदने दिया।
डूब गांवों में आंदोलन की तैयारी शुरू
नर्मदा के बढ़ते जल स्तर के साथ ही डूब गांवों में हलचल भी शुरू हो गई है। विस्थापन, पुनर्वास और मुआवजे के मुद्दे को लेकर डूब प्र्रभावित मूल गांवों में ही डटे हुए है। अब नर्मदा बचाओ आंदोलन सरदार सरोवर बांध में पानी भरने को लेकर गांवों में आंदोलन की तैयारी में जुट गया है। नबआं के पवन यादव, कमला यादव, देवराम कनेरा ने बताया कि इसी तरह से जलस्तर बढ़ता रहा तो, मूल गांवों में रह रहे लोगों की जान पर बन आएगी। जब तक डूब प्रभावितों का पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक पानी नहीं भरने दिया जाएगा। नबआं के राहुल यादव ने बताया कि इसके लिए नबआं अब बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है। अपने अधिकारों के लिए पानी में भी उतरना पड़ा तो वे उतरेंगे।
एनडीआरएफ ने किया डूब क्षेत्रों का दौरा
शनिवार रात से बढऩा शुरू हुआ नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। रविवार रात जहां नर्मदा का जलस्तर 125.700 था। वहीं, सोमवार सुबह 6 बजे जलस्तर 125.800 मीटर हो गया। दोपहर 12 बजे 125.900 और शाम 6 बजे 126.300 मीटर पर पहुंच गया। बढ़ते जलस्तर के बाद प्रशासन ने तटीय क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है। सोमवार को राजघाट में एनडीआरएएफ टीम द्वारा बोट से मुआयना किया। टीम कमांडर नागेन्द्र सिंह और सहायक उप निरीक्षक विजय कुमार सहित टीम सदस्यों ने डूब प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर स्थिति जानी और जलस्तर बढऩे पर कैसे आपदा से निपटने व बचाव कार्य करना हैं, इसका मुआयना किया।

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