डॉ. गंगाराम का यह भी दावा है कि ये पौधा कोरोना के इलाज में भी उपयोगी है. डॉ. गंगाराम के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने भी इसे कोविड के इलाज में उपयोग करने की सिफारिश की थी. इसे तुलसी के पौधे की तरह कहीं भी लगाया जा सकता है. सर्दी-खांसी जैसी सामान्य बीमारी से लेकर कैंसर, मलेरिया, बवासीर जैसी कई गंभीर बीमारियों में इस पौधे का इलाज कारगर साबित हुआ है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में उन्होंने हजारों लोगों ये पौधे दिए और लोगों पर इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले.
‘आर्टीफिशिया अनुआ’ का चीन में हजारों सालों से कई तरह के इलाजों में इस्तेमाल किया जा रहा – यही कारण है कि उन्होंने चीन से ये पौधा मंगाकर सेंधवा में उगाए हैं. करीब दो एकड़ जमीन पर ये पौधे लगे हुए हैं. डॉ. गंगाराम सिंगोरिया बताते हैं कि ‘आर्टीफिशिया अनुआ’ का चीन में हजारों सालों से कई तरह के इलाजों में इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि ये पौधा भी तुलसी और गिलोय की तरह आयुर्वेदिक थैरेपी में ही इस्तेमाल होता है. गौरतलब है कि चीन के ये पौधे करीब दो एकड़ इलाके में लगाए गए हैं. इसके बीज भी उपयोगी हैं पर इस पौधे की पत्तियों को प्रोसेस कर दवा का निर्माण किया जाता है.
स्पष्टीकरण: इस रिपोर्ट में किए गए दावों की हम तस्दीक नहीं करते.