बड़वानी

शहरी परीसिमन में शामिल हो रहे गांव को बना रहे डिजिटल ग्राम

शहर से ढाई किमी दूर बसे ग्राम नानी बड़वानी को किया योजना में शामिल, केंद्र की योजना की जानकारी राज्य सरकार को नहीं, कलेक्टर भी अनभिज्ञ, योजना का सर्वे कर रहे संचालक का भी कहना, मंत्रालय से नहीं आया कोई लैटर

बड़वानीFeb 24, 2019 / 10:25 am

मनीष अरोड़ा

Digital Village Conservation Village

ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. केंद्र सरकार द्वारा देशभर में इ-डिजिटल ग्राम बनाने की योजना चलाई जा रही है। इसके लिए बड़वानी जिले के ग्राम बड़वानी खुर्द (नानी बड़वानी) को भी इ-डिजिटल ग्राम में शमिल किया गया है। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम को इस योजना का मुख्य आधार अति पिछड़ा गांव बताया गया है। जबकि ये गांव जल्द ही नए हो रहे परीसिमन में शहरी क्षेत्र में शामिल होने जा रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि केंद्र सरकार की इस योजना की जानकारी अब तक राज्य सरकार को भी नहीं है।न ही इसके लिए कोई निर्देश अब तक स्थानीय प्रशासन के पास पहुंचा है।कलेक्टर भी इस योजना से अनभिज्ञ है।
बताया जा रहा हैकि केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक एवं आयटी मंत्रालय और सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) इ-गवर्नेंस के संयुक्त तत्वावधान में डिजिटल इंडिया योजना चलाई जा रही है।इस योजना के लिए शहर के ही एक युवा को सीएससी का संचालक बनाया गया है।जिसके द्वारा डिजिटल विलेज के रूप में चुने गए ग्राम नानी बड़वानी में सर्वे किया जा रहा है। इस योजना की जब पत्रिका ने पड़ताल की तो इस संबंध में स्थानीय प्रशासन के पास कोईजानकारी नहीं थी।न तो राज्य सरकार न केंद्र सरकार के आयटी मंत्रालय द्वारा इस संबंध में कोईअधिकृत आदेश भी जारी नहीं हुआ है। इस योजना में हो रहे सर्वे को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है। इस योजना का संचालन कौन और कैसे करेगा इसकी भी कोईजानकारी नहीं है।
शहर से लगा गांव अति पिछड़ा तो अन्य के क्या हाल होंगे
जब इस योजना का संचालन कर रहे सीएससी के संचालक रितेश कुमरावत से बात की गईतो उनका कहना था कि डिजिटल विलेज के लिए गांव का चयन केंद्र सरकार द्वारा ही किया गया है। इसके लिए उन्होंने जो आधार बताया वो भी संदेहास्पद लग रहा है।उनका कहना था कि अति पिछड़े गांवों को इसमें शामिल किया गया है। अब सवाल ये उठता है कि जिला मुख्यालय से मात्र ढाई किमी दूरी पर बसा गांव जो कि शहर के वार्ड क्रमांक 18 से लगा हुआ है, वो ही अति पिछड़ा है तो दूरस्थ पहाड़ी, वनग्रामों के हालात क्या होंगे। जब इस संबंध में कलेक्टर अमित तोमर से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि उनके कार्यकाल में पिछड़े गांव की कोईजानकारी सरकार द्वारा नहीं मांगी गई हैं।
ये लाभ दिया जाना बता रहे योजना में
केंद्र शासन की उपरोक्त योजना में सीएससी संचालक द्वारा प्रथम चरण में सर्वे करने के बाद कईलाभ ग्रामीणों को दिए जाना बताया जा रहा है।इसमें गांव में सीएससी सेंटर की स्थापना कर ग्रामीण युवाओं को नि:शुल्क कम्प्यूटर शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऑनलाइन इलाज की व्यवस्था, बैंकिंग सेवाएं, लोकसेवा में मिलने वाली शासन की समस्त सेवाएं, ग्रामीण मजदूरों के लिए पेंशन योजना जिसमें 100 रुपए प्रतिमाह जमा करने के बाद 60 साल की उम्र से पेंशन आरंभ होना आदि शामिल है। इसके लिए सीएससी संचालक को ही सेंटर खोलना होगा और केंद्र सरकार द्वारा उन्हें हितग्राहियों के मान से भुगतान किया जाएगा।
बजट में पेश की थी योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को बजट में भी शामिल किया था। देश के 700 और प्रदेश के 53 गांव इसमें शामिल किए गए हैं। हमारे पास अधिकृत रूप से लेटर नहीं है, लेकिन मौखिक रूप से सर्वे को कहा गया है। हमने मंत्रालय से लेटर भी भेजने को कहा है, लोग हमें शक की नजर से देखते हैं।
रितेश कुमरावत, सीएससी संचालक
अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कह पाएंगे
डिजिटल विलेज के बारे में अधिकृत रूप से कुछ नहीं कह पाउंगा। मैं छुट्टी पर था, तब कोईलेटर आया हो तो पता करता हूं। डिजिटल गांव के चयन के लिए मेरे कार्यकाल में तो कोई निर्देश नहीं आए थे। किस आधार पर चयन हुआ मुझे नहीं पता।
अमित तोमर, कलेक्टर
शामिल होना है शहरी परीसिमन में
नए परीसिमन के आदेश आए हुए हैं। शहरी क्षेत्र से लगे पांच किमी तक के गांवों को शहरी क्षेत्र में शामिल किया जाना है। मापदंड के हिसाब से बड़वानी खुर्द भी शहरी सीमा में शामिल हो सकता है।
कुशलसिंह डुडवे, सीएमओ नगर पालिका

Home / Barwani / शहरी परीसिमन में शामिल हो रहे गांव को बना रहे डिजिटल ग्राम

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.