किसानों ने हाइवे पर धरना देकर किया चक्काजाम, सभी तरह की फसलों के लिए समर्थन मूल्य की गारंटी कानून बनाने की मांग
बड़वानी•Dec 15, 2020 / 03:22 pm•
vishal yadav
कृषि कानून के विरोध में किसानों ने हाइवे पर किया चक्काजाम
खंडवा. कृषि क्षेत्र के लिए बनाए 3 कानूनों को लेकर किसानों का आक्रोश ठंडा नहीं पड़ा है। इससे केंद्र सहित राज्य सरकार की नींद उड़ी हुई है। मंगलवार को निमाड़ अंचल के पांच जिले के किसानों ने मिलकर आंदोलन का बिगुल फूंक गया। इसमें इनमें खरगोन, धार, बड़वानी, खंडवा और बुरहानपुर क्षेत्र के किसानों द्वारा खलघाट में मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और इंदौर-इच्छापुर हाइवे पर छैगांव माखन में धरना दिया। ऐसे में पुलिस और स्थानीय प्रशासन के लिए भी कई तरह की चुनौती रही। आंदोलन को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अमला भी अलर्ट रहा।
भारतीय किसान संघ द्वारा मंगलवार को छैगांवमाखन इंदौर इच्छापुर हाइवे पर सांकेतिक रूप से दोपहर 2.15 बजे चक्काजाम किया गया। उसके पूर्व छोटी जगह में मकान स्थित अनाज मंडी में भारतीय किसान संघ द्वारा आम सभा का आयोजन किया गया। इसमें खंडवा, खरगोन और बुरहानपुर जिले के भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्षों सहित किसान उपस्थित थे। करीब 1 घंटे चली सभा के बाद किसानों ने 6 गांव माखन मंडी से इंदौर इच्छापुर हाइवे तक के रैली निकालकर चक्काजाम किया। सांकेतिक रूप से 15 मिनट के चक्काजाम में कोई समस्या नहीं आई। इस दौरान कलेक्टर, एडिशनल एसपी, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार सहित सभी अधिकारी और पुलिस बल मौजूद रहा। यहां पर चक्काजाम के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए किस को भी लगाई गई थी। चक्काजाम के बाद किसानों ने कृषि संशोधन और स्थानीय समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया।
ये है प्रमुख मांगे
-कपास, मिर्च सहित सभी फसलों के लिए समर्थन मूल्य की गारंटी दी जाए।
-रबी सीजन में गेहूं-चने की सौ प्रतिशत सरकारी खरीदी की जाए।
-कर्ज माफी योजना के तहत छूटे हुए किसानों का दो लाख तक का कर्ज मााफ हो।
-गतवर्ष कपास और मिर्च फसल को हुए नुकसान के बदले 75 प्रतिशत अटकी राहत राशि का शीघ्र भुगतान।
-खरीफ सीजन में वायरस से खराब मिर्च फसल के सर्वे के आधार पर मुआवजा मिले।