72 घंटे में झांसा देकर मोटी कमाई करने वाले गिरोह को पकड़ा
पुलिस द्वारा आरोपियों को पकड़े के लिए जाल बिछाया गया। फरियादी को आरोपियों द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर बातचीत कर उन्हें और सोने के सिक्कें देने के लिए रेलवे ब्रीज के पास नावघाट खेड़ी बुलाया गया। आरोपीगण जैसे ही वहां पर पहुंचे पुलिस द्वारा आरोपियों कि घेराबंदी कर धरदबोचा। इसमें आरोपी बिखा उर्फ भिका पिता डावी (35) निवासी संजय नगर बड़ौदा , मीराबाई पति गुलशन राठौड़ (65) निवासी खुडियाल नगर बड़ौदा गुजरात, लक्ष्मण पिता हीरा राठौर (45) निवासी मोरटक्का, गोविन्द पिता गंगाराम सोंलकी (22) निवासी मोरटक्का (खंडवा) को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को गिरफ्तार कर अन्य सामग्री जब्त की गई। उक्त गिरोह पूर्व में इंदौर, धार जिले सहित प्रदेश के अन्य स्थानों एवं महाराष्ट्र में वारदातें कर चुका है। गिरोह के कुछ सदस्य अभी फरार है, जिनकी पुलिस द्वारा तलाश कि जा रही है। आरोपीगणों के पास से चांदी के ब्रिटिश कालीन सिक्कें 5 नग, सोने के सिक्कें प्रत्येक का वजन लगभग डेढ़ ग्राम के 20 नग कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपए, सोने के जैसे दिखने वाले पीतल के सिक्कें 6 किलो जिसकी कीमत बाजार मूल्य 12 हजार रुपए, 5 मोबाइल फोन, घटना स्थल से ऑटो वाहन क्रमांक एमपी 12 आर 2819 सामग्रिया जब्त की गई।
दुकानों के आसपास घूम शिकार के लिए चुनते थे
एसडीओपी मानसिंह ठाकुर ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ करने से मालूम पड़ा कि उनका एक गिरोह होटल बाजार एवं दुकानों के आसपास घूमकर ऐसे व्यक्ति को शिकार के रूप में चुनते है जो गाड़ी से चल रहा हो अथवा रहन-सहन व प्रतिष्टित व्यक्ति हो फिर उस व्यक्ति से बातचीत करके उसे विश्वास दिलाते है कि इनकों जमीन के अंदर से गढ़े हुए सोने व चांदी के सक्कें मिले है और वो इसी सस्ती कीमत पर दे देंगे। गिरोह के सदस्य उस व्यक्ति को नमूना के तौर पर कुछ सिक्कें पहली मुलाकात में देते है और जब व्यक्ति उनको सराफा बाजार में चेक कराने के बाद संतुष्ट हो जाता है तो उससे दूसरी व तीसरी बार में मोटी रकम लेकर उसे नकली सिक्कें देकर रफूचक्कर हो जाते थे। गिरोह को पकडऩे इनकी रही भूमिका उपनिरीक्षक वरुण तिवारी, राम आसरे यादव, रामजी वाल डूड्वे, मिथुन चौहान, डाली गिरी, प्रधान आरक्षक शक्तिसिंह, दिलीप गांगले, अजय बेस, विनोद, धर्मेन्द्र यादव, कैलाश सगारिया, दीपक बेस, राजू मेहता, मनोज पटेल, संतोष बामनिया, लोकेश वास्कले, दुर्गाविज्य, महिला आरक्षक कामिनी, सैनिक नरेंद्र ईश्वर एवं साइबर सेल खरगोन अमित श्रीपाल, अभिलाष पांडे की विशेष भूमिका रही।