देशभर से आए श्रद्धालु कलश स्थापना में हुए शामिल, सिद्ध क्षेत्र में चातुर्मास के लिए विराजित मुनिश्री प्रमाणसागरजी, प्रमाणसागरजी महाराज
बड़वानी•Jul 16, 2019 / 10:37 am•
मनीष अरोड़ा
Munishri Pramansagar Maharaj and Viraatasagarji Maharaj
बड़वानी. सिद्ध क्षेत्र बावनगजा मेें मुनिश्री प्रमाणसागरजी महाराज और विराटसागरजी महाराज का वर्षायोग मंगल चातुर्मास रविवार से आरंभ हुआ। चातुर्मास कलश स्थापना के लिए रविवार को समाजजनों की होड़ लगी रही। मुनिश्री द्वय के चातुर्मास के लिए 63 बड़े-छोटे कलशों की स्थापना की गई। रविवार को 52 कलश की स्थापना हुई थी। वहीं, सोमवार को बाकी बचे कलशों की स्थापना की गई। इस अवसर पर मुनिश्री द्वय को बैंडबाजे के साथ मंडल में लाया गया और मंत्रोच्चार के साथ स्थापना की गई।
इस मौके पर मुनिश्री प्रमाणसागरजी ने कहा कि यहां एक तो प्राकृतिक झरना बह रहा है, दूसरा और ज्ञान का झरना बह रहा है। जिसका इस चातुर्मास में भरपूर फायदा लें। आशीर्वाचन में उन्होंने कहा कि चातुर्मास एक ऐसा संबंध साधु व श्रावक की कड़ी बन जाता है। जिससे श्रावस को भरपूर फायदा मिलता है। आचार्य श्री के बारे में कहा कि आचार्यश्री ने 52 वर्ष में पहली बार चतुदर्शी को चातुर्मास की स्थापना की। इस मौके पर देशभर से आए जैन समाज के धर्मालुओं सहित बावनगजा ट्रस्ट व चातुर्मास व धर्म प्रभावना समिति के सदस्यों ने सहभागिता की।
प्रति वर्ष कलश स्थापना करवाते हैं उद्योगपति पाटनी
बावनगजा में आयोजन के दौरान देश के प्रख्यात उद्योगपति अशोक पाटनी (किशनगढ़-राजस्थान) निजी हेलीकाप्टर यहां पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुरुवर तीन माह के प्रवास के बाद पुन: चातुर्मास का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसलिए क्षेत्र के लोग भरपूर फायदा उठाए। उन्होंने ट्रस्ट समिति व चातुर्मास समिति का आभार माना। चातुर्मास के मुख्य कलश का सौभाग्य अशोक पाटनी को ही प्राप्त हुआ है। आयोजन में 11 मुख्य कलश और 52 जन मंगल कलश की स्थापना की गई। अशोक पाटनी ने कहा कि हमने जयपुर, उदयपुर, अजमेर में चातुर्मास का आनंद लिया, आज भी सिद्धक्षेत्र में लीजिए। वहीं मुनिश्री प्रामणसागरजी महाराज ने अशोक पाटनी के बारे में कहा कि यह हर वर्ष लगभग 12 साधु संघों के चातुामर्स कलश स्थापना करते हैं। इनका साधु संतों के प्रति समर्पण अनुकर्णीय है। यह गुरुओं व धर्म के प्रति श्रद्धान है। उन्होंने उपस्थितों से कहा कि यदि आप संपन्न है तो हर व्यक्ति ने अपने जीवन में यह पुनित कार्य करना चाहिए। चातुर्मास हमारी बेटरी चार्ज करने का विशेष महत्व है।