राज्य शासन से नियुक्त नोडल अधिकारी ने भी ली आपदा प्रबंधन की बैठक
प्रदेश के उद्योग विभाग के आयुक्त व राज्य शासन द्वारा शनिवार को जिले के लिए नियुक्त कोरोना के नोडल अधिकारी विवेक पोरवाल ने जिला मुख्यालय पर जिला आपदा प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य से लगे होने से जिले में कोरोना के मद्देनजर विशेष सजगता रखी जाना आवश्यक है। रोजाना आने वाले केस के टे्रंड की समीक्षा की जाए। बैठक में विभिन्न निर्देश दिए गए। इसके तहत जिल के शासकीय व अशासकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध आइसीयू और आक्सीजन सप्लाइ युक्त बेडों का चिन्हांकन कर रखा जाए। कोरोना रोगियों के उपचार के लिए आवश्यक संसाधन व दवाइयॉ हमेशा उपलब्ध रहें, इसकी समीक्षा सतत की जाती रहे। सभी संस्थानाओं आक्सीजन की सप्लाई सुगम बनी रहे, इसका आंकलन कर समुचित आवश्यक व्यवस्था की जाए। प्रायवेट चिकित्सा संस्थान कोरोना रोगियों का उपचार निर्धारित प्रक्रिया व निर्धारित शुल्क पर ही करें। 98 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव लोगों का उपचार घर पर ही होम क्वारेंटाइन के जरिए हो जाता है, यह लोगों को बताया जाए। कोरोना के मद्देनजर बने कंट्रोल रुम व काल सेंटर पर चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाए। ताकि विडियो काल के जरिए घर पर रहकर इलाज करा रहे लोगों से चर्चाकर उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करते रहे।
प्रदेश के उद्योग विभाग के आयुक्त व राज्य शासन द्वारा शनिवार को जिले के लिए नियुक्त कोरोना के नोडल अधिकारी विवेक पोरवाल ने जिला मुख्यालय पर जिला आपदा प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य से लगे होने से जिले में कोरोना के मद्देनजर विशेष सजगता रखी जाना आवश्यक है। रोजाना आने वाले केस के टे्रंड की समीक्षा की जाए। बैठक में विभिन्न निर्देश दिए गए। इसके तहत जिल के शासकीय व अशासकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध आइसीयू और आक्सीजन सप्लाइ युक्त बेडों का चिन्हांकन कर रखा जाए। कोरोना रोगियों के उपचार के लिए आवश्यक संसाधन व दवाइयॉ हमेशा उपलब्ध रहें, इसकी समीक्षा सतत की जाती रहे। सभी संस्थानाओं आक्सीजन की सप्लाई सुगम बनी रहे, इसका आंकलन कर समुचित आवश्यक व्यवस्था की जाए। प्रायवेट चिकित्सा संस्थान कोरोना रोगियों का उपचार निर्धारित प्रक्रिया व निर्धारित शुल्क पर ही करें। 98 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव लोगों का उपचार घर पर ही होम क्वारेंटाइन के जरिए हो जाता है, यह लोगों को बताया जाए। कोरोना के मद्देनजर बने कंट्रोल रुम व काल सेंटर पर चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाए। ताकि विडियो काल के जरिए घर पर रहकर इलाज करा रहे लोगों से चर्चाकर उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करते रहे।