बड़वानी

नर्मदा किनारे पर रहकर भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग

शहर से लगे पुनर्वास स्थलों पर छाया पेयजल संकट, पास से गुजर रही नर्मदा जल की लाइन, फिर भी नहीं मिल रहा पानी, ३६ में से २६ बसावटों में पानी के लिए भटकते ग्रामीण

बड़वानीApr 24, 2019 / 10:53 am

मनीष अरोड़ा

People craving water on Narmada shore

बड़वानी. दूसरों को पानी उपलब्ध कराने के लिए नर्मदा घाटी के लोगों ने घर छोड़ा, जमीन छोड़ी, परिवार से दूर हुए और आज उसी पानी के लिए खुद तरस रहे है। सरदार सरोवर बांध की डूब में आए गांवों को पुनर्वास स्थलों पर बसा तो दिया, लेकिन जा भी यहां रहने वाले मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे है। नर्मदा से पांच-सात किमी दूरी पर बसे इन पुनर्वास स्थलों में पेयजल संकट गहराया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट, जीआरए के निर्देश पर यहां एनवीडीए-पीएचई ने पाइप लाइन तो बिछाई, लेकिन इन लाइनों में पानी भी कभी कभी आता है। बड़वानी की ३६ बसावटों में से २६ में पानी के लिए ग्रामीणों को भटकना पड़ रहा है।
नवंबर २०१७ में शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा एनवीडीए को पुनर्वास स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। कुछ माह पूर्व ही इन पुनर्वास स्थलों पर पेयजल के लिए पाइप लाइन डाली गई है। एनवीडीए-पीएई द्वारा शहर से लगे पुनर्वास स्थलों में नर्मदा जल की पाइप लाइन डाली गई है और पंप हाउस भी बनाया गया है। कुकरा राजघाट बसावट, भीलखेड़ा बसावट, एकलरा बसावट में पाइप लाइन होने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। कुकरा बसावट निवासी अमरसिंह ने बताया कि तीन दिन में एक बार पानी आ रहा है। उसके भी आने का समय तय नहीं है। कभी भी नल चालू कर दिए जाते है, वो भी सिर्फआधा घंटा चलते है। पानी के लिए फिल्टर प्लांट तक जाना पड़ता है।
कुछ इलाकों में ही पानी पहुंच रहा
भीलखेड़ा बसावट में भी पानी के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। यहां पाइप लाइन तो डाली गई, लेकिन पानी सिर्फ कुछ ही इलाकों में आ रहा है। अधिकतर घरों के सामने लगे नल सूखे पड़े हुए है। यहां पानी के लिए लोगों को खासी मशक्कत करना पड़ रही है।भीलखेड़ा निवासी रामलाल ने बताया कि जिन इलाकों में पानी नहीं आ रहा है, वहां के लोगों को पानी के लिए फिल्टर प्लांट या ट्यूबवेल पर जाना पड़ रहा है। भर गर्मी में पानी के लिए आधा से पौन किलोमीटर दूर तक जाकर मशक्कत करना पड़ रही है।
दूरस्थ क्षेत्रों में बसे पुनर्वासों की स्थिति खराब
जीआरए ने जल आपूर्ति एनवीडीए इंदौर को निर्देश दिए थे कि नर्मदा से ३ से १० किमी दूरी पर बसे पुनर्वास स्थलों पर नर्मदा से पानी लिफ्ट कराकर पाइप लाइन बिछाकर पानी देने को कहा था। शहर से लगे पुनर्वास स्थलों पर तो दो से तीन दिन में पानी मिल रहा है, लेकिन दूर क्षेत्रों में बसे पुनर्वास स्थलों पर स्थिति खराब है। बिजासन, अवल्दा, जांगरवा सहित अन्य पुनर्वास स्थलों पर पाइप लाइन डाली जरूर गई, लेकिन पानी लिफ्ट नहीं कराया जा रहा है।नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता राहुल यादव ने बताया कि कसरावद बसावट नदी के पास होने के बाद भी पानी को तरस रहा है। दूर क्षेत्रों में बसे पुनर्वास स्थलों पर भी पानी की उपलब्धता नहीं हो पा रही है।
नल नहीं आ रहे तो दिखवाता हूं
सभी पुनर्वास स्थलों पर पाइप लाइन डाली गई हैं और पानी भी सप्लाय हो रहा है।जिन पुनर्वास स्थलों पर पेयजल संकट की बात बताई जा रही है, वहां जाकर निरीक्षण किया जाएगा। जहां नल नहीं आ रहे वहां दिखवाया जाएगा कि क्या समस्या है।
आरके नवीन, ई पीएचई-एनवीडीए

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