बड़वानी

नीति आयोग से अपनी खामियां छिपाने के लिए सुविधा वाली जगहों का दौरा करा रहे अफसर

बुरे हाल में ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाएं, बिना डिग्री डॉक्टर कर रहे इलाज, अपंजीकृत डॉक्टरों के इलाज से कई बार हो चुकी मरीजों की मौत, नीति आयोग पदाधिकारी कर रही जिले का दौरा, जान रही हकीकत, खामियां छुपाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ले जा रहा सुविधा वाली जगहों पर

बड़वानीJul 19, 2019 / 10:15 am

मनीष अरोड़ा

Policy Commission team visited Pati Development block

बड़वानी. देश के आकांक्षी जिलों में शामिल बड़वानी जिला स्वास्थ्य सुविधाओं में पिछड़ता नजर आ रहा है। ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल अवस्था में है। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर्स, स्टाफ की कमी किसी से छुपी नहीं है। इसका फायदा बिना डिग्री के डॉक्टर उठा रहे है। सबसे ज्यादा हालात केंद्र शासन के वन बंधु योजना में शामिल आदिवासी बाहुल्य विकासखंड पाटी में खराब नजर आ रहे है। यहां, सब्जी की दुकानों की तरह बिना डिग्री, अपंजीकृत डॉक्टरों ने दुकान लगा रखी है। मरीजों का मनमाने तरीके से इलाज किया जा रहा है। केस बिगडऩे पर मरीज को बड़वानी रेफर कर दिया जाता है।
पाटी ब्लॉक जिले का सबसे पिछड़ा विकासखंड कहलाता है। पहाड़ों पर बसे गांवों तक पहुंच मार्ग भी यहां पर नहीं है। ऐसे में यहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की कल्पना करना भी बेकार है। ब्लॉक के अंतिम सीमा पर बसे गांवों चेरवी, रोसर, सेमलेट, बमनाली सहित 25 ग्रामों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। गांवों में बने उप स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टर के सिर्फ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के भरोसे चल रहे है। पहाड़ी क्षेत्रों में बसे गांवों की स्वास्थ्य सेवाएं बिना डिग्री और अपंजीकृत डॉक्टरों के हवाले है। गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज भी ये बिना डिग्री के डॉक्टर कर रहे है। डॉक्टरों की कमी के चलते गरीब आदिवासी भी इनसे इलाज कराने के लिए मजबूर है।
हाट बाजार में डॉक्टर लगाते दुकान
गांवों में रहकर इलाज कर रहे बिना डिग्री के डॉक्टरों के साथ ही यहां लगने वाले हाट बाजारों में भी इन बिना डिग्री वाले डॉक्टरों की दुकानें लगती है। हाट बाजार में टेंट और झोपडिय़ों में इन डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है। यहां तक कि गोली-दवाई की दुकान भी खुलेआम चल रही है। चेरवी हाट बाजार समिति अध्यक्ष जगनसिंह सोलंकी ने बताया कि गांव से दो किमी दूर अस्पताल बना हुआ है। अधिकतर समय ये बंद रहता है, कभी-कभी डॉक्टर यहां आते है। ऐसे में हमें इन डॉक्टरों को यहां दुकान लगाने की इजाजत देनी पड़ती है। इन डॉक्टरों के भरोसे ही आसपास के गांवों की स्वास्थ्य सुविधाएं है।
सिर्फ दस्तक अभियान दिखाने में लगा स्वास्थ्य विभाग
आकांक्षी जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सहित अन्य विभागों की जानकारी लेने नीति आयोग पदाधिकारी डॉ. नेहा गुप्ता जिले के दौरे पर आईं हुई हैं। बुधवार को नीति आयोग पदाधिकारी डॉ. नेहा गुप्ता ने पाटी क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति चल रही योजनाओं की जानकारी के लिए दौरा किया था। इस दौरान साथ में गए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पाटी क्षेत्र में चल रहे दस्तक अभियान के बारे में जानकारी देकर टीकाकरण आदि दिखाया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नीति आयोग पदाधिकारी को ऐसे स्थानों से दूर ही रखा गया, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुलने की संभावना थी।
वन बंधु योजना में आ रहा सबसे ज्यादा रुपया
जिले के अति पिछड़े विकासखंड में शामिल पाटी ब्लॉक को केंद्र सरकार ने वन बंधु योजना प्रोजेक्ट में शामिल किया है। जिसके तहत पाटी ब्लॉक के गांवों में शिक्षा का स्तर उठाने, स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने, कृषि में आदिवासी किसानों को उन्नत करने, पेयजल, रोजगार आदि के लिए हर साल पांच करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। यहां स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सोनोग्राफी मशीन लगाने तक की स्वीकृति हो चुकी है, लेकिन अब तक नहीं लगाई गई है। आंकड़ों में भले ही विभाग बाजीगरी दिखा रहा हैं, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल मैदानी स्तर पर जाकर देखने पर पता चल रहा है।
टीम बनाई है, उन्हें करना कार्रवाई
क्षेत्र में बीएमओ, तहसीलदार, पुलिस का एक संयुक्त दल बनाया गया है। बिना डिग्री के डॉक्टर यदि इलाज कर रहे हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे। समय-समय पर इस दल को कार्रवाई करते रहना चाहिए। ये उनका दायित्व है।
वीबी जैन, सीएमएचओ

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