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बजट पर प्रतिक्रिया : आम आदमी की जेब पर बढ़ा आर्थिक भार

locationबड़वानीPublished: Jul 07, 2019 11:06:35 am

बजट के दूसरे ही दिन बढ़ गए पेट्रोल-डीजल के भाव, पेट्रोल साढ़े चार रुपए तो डीजल 4.43 रुपए हुआ महंगा

Prices of second increase in petrol and diesel of the budget

Prices of second increase in petrol and diesel of the budget

बड़वानी. मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट में मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए कुछ खास नहीं था। उस पर पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढऩे से पेट्रोल और डीजल के भावों में अचानक बढ़ोत्तरी होने से आम आदमी की जेब पर आर्थिक बोझ बढ़ गया। शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश करते हुए पेट्रोल और डीजल पर एक रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। जिसके बाद दूसरे ही दिन शनिवार को पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल के भावों में साढ़े चार रुपए की बढ़ोत्तरी हुई।
बजट में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जाने से मध्यप्रदेश में उपभोक्ताओं की जेब पर बड़ा असर पड़ा। एक्साइज और उपकर राज्य का अतिरिक्त कर जोडऩे के बाद प्रदेश में शनिवार से उपभोक्ताओं को पेट्रोल 79.32 रुपए और डीजल 71.17 रुपए प्रति लीटर मिलने लगा। यह दरें बजट के बाद मध्यरात्रि से ही लागू हो गईं। केन्द्र ने बजट में दोनों पेट्रोलियम पदार्थों पर एक रुपए लीटर सरचार्ज और 1 रुपए लीटर एक्साइज डयूटी बढ़ाई है। इसके साथ ही राज्य ने भी अतिरिक्त कर जोड़ा है। इसके असर से पेट्रोल 4.53 और डीजल 4.43 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया। शुक्रवार को बजट से पहले बड़वानी में पेट्रोल 74.79 और डीजल 66.74 रुपए प्रति लीटर था। प्रदेश में पेट्रोल के बेसिक मूल्य पर 28 तथा डीजल पर 18 फीसदी वैट है। साथ ही पेट्रोल पर 1.5 रु. अतिरिक्त कर और 1 रु. उपकर है। डीजल पर 1 रुपए प्रति लीटर उपकर है। बजट के बाद राज्य ने पेट्रोल-डीजल पर 2-2 रुपए अतिरिक्त कर जोड़ा है। राज्य का तर्क है कि 2018 में दोनों के दामों में केन्द्र के साथ राज्य ने भी 2.50 रुपए प्रति लीटर कम किए थे। अब दोनों ने बराबर बढ़ा दिए।
आमजन पर बढ़ा आर्थिक भार
नपा अध्यक्ष लक्ष्मण चौहान ने बताया कि पेट्रोल-डीजल के भाव बढऩे से आम लोगों पर आर्थिक भार बढ़ा है। ट्रांसपोर्ट महंगा होने से महंगाई बढ़ेगी। सरकार ने अमीरों को लाभ पहुंचाने के लिए ये निर्णय लिया है। इस निर्णय में गरीब लोगों काभी नुकसान होगा।
महिने का खर्च बढ़ गया
निजी कंपनी कर्मचारी अंजली वानखेड़े ने बताया कि पेट्रोल के दाम बढऩे से अब महीने का खर्च भी बढ़ जाएगा। प्रायवेट जॉब में पहले ही कम सैलेरी है। सप्ताह में तीन लीटर पेट्रोल 225 रुपए का लगता था। अब सप्ताह में 240 रुपए का पेट्रोल भरवाना पड़ेगा। माह का करीब 60 रुपए अतिरिक्त खर्च होगा।
परिवार का खर्च बढ़ेगा
छात्र अरुण पाटीदार ने बताया कि छात्र जीवन में अधिकतर परिवार पर ही निर्भर रहना पड़ता है। माह में एक बार पेट्रोल के लिए रुपए मिलते है। पेट्रोल महंगा होने से पेट्रोल का खर्च भी बढ़ जाएगा। घर में तीन बाइक है, जिससे परिवार का पेट्रोल का खर्च भी बढ़ जाएगा।
गरीबों पर पड़ेगी महंगाई की मार
व्यवसायी पीयूष जैन ने बताया कि पिछले एक साल से पेट्रोल-डीजल के भाव कम होने से महंगाई पर भी रोक लगी थी। अब पेट्रोल-डीजल के भाव बढऩे से एक बार फिर महंगाई रफ्तार बढ़ेगी। ट्रांसपोर्ट बढऩे से सामान महंगा होगा, जिसकी मार गरीबों पर ज्यादा पड़ेगी।
पेट्रोल -6 जुलाई का भाव -7 जुलाई का भाव -बढ़ोत्तरी
सादा -74.79 रुपए -79.32 रुपए -4.53 रुपए
पावर -77.69 रुपए -82.22 रुपए -4.53 रुपए
डीजल -66.74 रुपए -71.17 रुपए -4.43 रुपए

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