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बड़वानी

पोर्टल पर दिखा रहे थे पद रिक्त, शालाओं में जाने पर प्राचार्यों ने कर दिया मना

अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में लापरवाही के चलते कई रह गए वंचित, बाहर से आए अतिथि शिक्षकों को फिलिंग च्वाइस के बाद भी भेज रहे दुरस्थ क्षेत्र, अतिथियों ने उठाया जनजातीय कार्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

बड़वानीJul 30, 2019 / 10:56 am

मनीष अरोड़ा

Recruitment process for guest teachers

Recruitment process for guest teachers

बड़वानी. जिले में शिक्षक विहिन शालाओं के लिए शासन द्वारा अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है। भर्ती प्रक्रिया में लापरवाही के चलते जिले के सैकड़ों अतिथि शिक्षक शिक्षण कार्य से वंचित रह गए है। जिन अतिथियों ने पोर्टल पर शालाओं में खाली पदों को देखकर आवेदन दिया था, वहां से उन्हें जगह खाली नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया गया है। अतिथि शिक्षकों ने भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार होने का भी आरोप लगाया है। वहीं, इस मामले में शिक्षा विभाग ने संकुल प्राचार्यों द्वारा पोर्टल पर अपडेट नहीं करने से गड़बड़ी होने की बात कही है।
जिले में करीब 1200 अतिथि शिक्षकों की भर्ती ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत की गई। इसके बाद भी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी नजर आ रही है। 15 जुलाई तक सभी अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो चुकी थी। इसमें पिछले सालों में शिक्षण कार्य करा चुके आधे से ज्यादा अतिथि शिक्षक नियमों के फेर में पड़कर शिक्षण कार्य से वंचित रह गए। वहीं, पोर्टल पर रिक्त पदों वाली शालाओं में च्वाइस फिलिंग करने वाले अतिथि शिक्षकों को भी उक्त स्थान खाली न बताते हुए अन्य जगह आवेदन करने को कहा गया। जिसके चलते भी कई अतिथि शिक्षक इस साल शिक्षण कार्य नहीं करा पाएंगे। शिक्षण कार्य से वंचित रहे अतिथि शिक्षकों का कहना है कि संकुल प्राचार्यों और विभागीय लापरवाही के चलते उनका भविष्य खतरे में आ गया है।
14 स्थानों पर दिया आवेदन, एक जगह भी नहीं मिली खाली
अतिथि शिक्षक के लिए पोर्टल पर शालाओं में रिक्त स्थान देखकर आवेदन करने वाले एक शिक्षक ने बताया कि उन्होंने 14 शालाओं में रिक्त स्थान देखा था। सभी दूर आवेदन दिए थे, हर जगह संकुल प्राचार्य ने आवेदन ये कहकर वापस लौटा दिया कि ये जगह खाली नहीं है। जबकि पोर्टल पर साफ दिख रहा था कि शाला में अतिथि शिक्षक का पद खाली है। दो जगह जबरदस्ती आवेदन देने पर वापसी की पावती भी नहीं दी गई। अतिथि शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष रवींद्र सोनिस ने बताया कि इस तरह की गड़बड़ पूरे जिले में हुई है। विभाग द्वारा खास लोगों को उपकृत करने के लिए सारा खेल खेला गया है। इस मामले में अतिथि शिक्षक संघ ने भोपाल में प्रदर्शन कर ज्ञापन भी दिया हुआ है।
नए नियमों ने भी किया कईयों को बाहर
जिलाध्यक्ष रवींद्र सोनिस ने बताया कि पिछले सत्र तक अतिथि शिक्षकों को अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर भर्ती किया जाता था। इस बाद शासन ने नियम बदलकर अतिथि शिक्षकों के लिए स्कोर कार्ड भी भरना आवश्यक किया था। जिसमें पिछले वर्षों में किए गए शिक्षण कार्य को पोर्टल पर दर्ज होने के बाद नंबर दिए जाने थे। वहीं, वर्ष 2018-19 में किए गए 72 दिन से अधिक के शिक्षण कार्य पर 25 अंक मिलना थे। कई अतिथि शिक्षक ऐसे भी थे जिन्होंने पिछले सत्र में शिक्षण कार्य नहीं किया था। जिसके चलते उनके स्कोर कार्ड में नंबर कम होने से इस बार भर्ती प्रक्रिया से वंचित रह गए। वहीं, कई ऐसे भी शिक्षक है, जिन्होंने पूर्व के वर्षों में लंबे समय शिक्षण कार्य किया, लेकिन पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पाया। पिछले सत्रों में पढ़ाने वाले ऐसे करीब 50 प्रतिशत शिक्षक इस बार शिक्षण कार्य से वंचित रह गए।
संकुल प्राचार्यों की गलती रही
संकुल प्राचार्यों की गलती के चलते इस बार थोड़ी सी परेशानी हुई है। संकुल प्राचार्यों द्वारा पोर्टल पर एडिट कर रिक्त स्थानों को भरा नहीं गया, जिसके कारण अतिथि शिक्षकों से उस जगह को रिक्त मानकर आवेदन दिया था। पात्र अतिथि शिक्षकों को अन्य स्थानों पर पदस्थ किया गया है। इस बार बीएड, डीएड और मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन हुआ है। जो पात्र नहीं थे, उन्हें वंचित रहना पड़ेगा।
एमके निहाले, जिला शिक्षा अधिकारी

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