बड़वानी

अदालत के फैसले के बाद हुई आतिशबाजी से गांव में आक्रोश

गांव में दहशत, भागसुर बंद करके ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर दिया धरना, मृतक के भतीजे और परिजनों पर ग्रामीणों को धमकाने का आरोप

बड़वानीDec 31, 2018 / 11:15 am

मनीष अरोड़ा

Resentment in the village with fireworks after the court verdict

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी/तलवाड़ा बुजुग. न्यायालय द्वारा शनिवार को ग्राम भागसुर में हुए हत्याकांड में 27 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनान के बाद एक बार फिर दहशत का माहौल है। शनिवार की शाम मृतक के भतीजों द्वारा आतिशबाजी और ग्रामीणों के धमकाने के बाद रविवार को पूरा गांव बंद रहा। आतिशबाजी से आक्रोशित ग्रामीणों ने भागसुर चौकी का घेराव भी किया। ग्रामीणों ने जेल में बंद मृतक के भाई गिलदार के दो बेटों के खिलाफ धमकाने का आरोप लगाते हुए पुलिस चौकी में आवेदन भी सौंपा है।
8 मार्च 2012 में शोभाराम हत्याकांड, बलवा, आगजनी के मामले में विशेष न्यायाधीश दिनेशचंद्र थपलियाल की अदालत ने शनिवार को ग्राम कासेल, भागसुर और ***** के 27 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद रात में मृतक शोभाराम के भतीजों और हत्या के प्रयास में सजा काट रहे गिलदार भील के पुत्रों दिनेश और मुकेश ने भागसुर में आतिशबाजी की। ग्रामीणों का आरोप हैकि गिलदार के पुत्रों द्वारा गांव में अशांति फैलाई जा रही है। ग्रामीणों को धमकाया जा रहा है कि खास लोग तो जेल चले गए, अब वो गांव वालों को देख लेंगे। रविवार को पूरा गांव बंद रहा और ग्रामीण पुलिस चौकी पहुंच गए। राजपुर थाना प्रभारी तारा मंडलोई द्वारा लोगों को आश्वासन दिया गया कि उचित कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद लोगों ने चौकी का घेराव खत्म किया।

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