गांव पहुंचे नबआं कार्यकर्ता कैलाश यादव ने आरोप लगाया कि एसडीएम द्वारा गलत किया जा रहा है। सरकार हमसे संवाद कर रही हैं, कलेक्टर से भी लगातार चर्चा हो रही हैं, लेकिन एसडीएम बिना सूचना के बंद मकानों के ताले तुड़वा रहे है। वहीं, एसडीएम का कहना था कि जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से लोगों को वहां से अन्यत्र ले जाना जरूरी हो गया है। किसी भी मकान का ताला नहीं तोड़ा गया। मकान मालिक की मौजूदगी में ही घरों से सामान निकाला गया है। यहां 133.500 मीटर वाटर लेवल पर डूब में आ रहे 11 परिवारों को समझाइश देकर बसावट में भिजवाया गया है।
एनसीए की ओर से गुजरात सरकार के पक्ष में काम किए जाने और बांध को लगातार भरने के विरोध में बुधवार दोपहर को कारंजा चौराहा पर नबआं कार्यकर्ताओं और डूब प्रभावितों ने अनोखा प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और एनसीए को मृत बताते हुए प्रतीक के तौर पर एक डूब प्रभावित कैलाश अवास्या की जिंदा अर्थी सजाई गई, कफन औढ़ाया गया और 15 लोगों ने सामूहिक रूप से मुंडन कराया। इस दौरान मृत सरकार रूपी जिंदा व्यक्ति की अर्थी पर लोगों ने विलाप भी किया और फूल भी चढ़ाए। ये प्रदर्शन करीब दो घंटे चला।
कांरजा पर विरोध प्रदर्शन के बाद दोपहर 2.30 बजे डूब प्रभावित और नबआं कार्यकर्ता एनवीडीए कार्यालय पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निधन के बाद राजकीय शोक व दोपहर बाद अवकाश घोषित होने से यहां कोई नहीं था। कार्यकर्ता यहां धरना देकर बैठ गए और भूअर्जन अधिकारी को बुलाने की मांग की। जिसके बाद भूअर्जन अधिकारी शिवप्रसाद मंड्रा वहां पहुंचे। यहां नबआं कार्यकर्ताओं ने दो घंटे तक कार्यालय का घेराव कर भूअर्जन अधिकारी से सवाल जवाब किए। भूअर्जन अधिकारी ने कहा कि वे मौके पर जाकर स्थिति देखेंगे और डूब प्रभावितों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।