बड़वानी

आधी रात में टीन शेड में शार्ट सर्किट से लगी आग, घबराकर कमरों से निकले लोग

करंट फैल जाता तो हो सकता था जानलेवा हादसा, विस्थापितों में दहशत का माहौल, बारिश के मौसम में टीनों के कमरों में लगे बोर्ड बन सकते दुर्घटना का कारण

बड़वानीSep 17, 2019 / 10:13 am

मनीष अरोड़ा

Short circuit fire in the Teen Shed at night

बड़वानी. सरदार सरोवर बांध की डूब में घर से बेघर हुए डूब प्रभावितों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। डूब गांवों से विस्थापित कर टीन शेड में ठहराए गए डूब प्रभावित रविवार रात हादसे का शिकार होते-होते बच गए। पाटी नाका स्थित टीन शेड के एक कक्ष में शार्ट सर्किट से लगी आग हड़कंप मच गया। गनीमत ये रही कि फ्यूज शार्ट होने से करंट नहीं फैला, अन्यथा बहुत बड़ी जनहानि हो सकती थी। आधी रात को हुए हादसे के बाद सोमवार सुबह टीन शेड में रह रहे विस्थापितों में दहशत का माहौल बना हुआ था।
विस्थापितों के लिए बने पाटी नाका स्थित टीन शेड में रविवार रात 1.30 बजे हड़कंप मच गया। रात को अचानक लोड शेडिंग बढऩे यहां बने आई-20 कक्ष में पंखा तेज आवाज करने लगा। जिसके बाद कमरे में सो रहे परिवार विक्रम केवट की पत्नी पूजा पंखा बंद करने उठी। कमरे में दंपति के दो छोटे बच्चे भी मौजूद थे। इससे पहले की वो बोर्ड पर लगा बटन बंद करती, अचानक बोर्ड में आग लग गई। ये देखकर पूजा जोर-जोर से चिल्लाने लगी। शार्ट सर्किट से लगी आग के बाद बिजली बंद हो गई। इसके बाद आग भी खुद ब खुद बुझ गई। उल्लेखनीय है कि टीन शेड में टीन के पतरों पर ही बिजली के बोर्ड लगे हुए है। जिस ब्लॉक में हादसा हुआ वहां, 20 कमरे एक साथ जुड़े हुए है। यदि यहां करंट फैल जाता तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।
रात में नहीं आया कोई अधिकारी
रात में हुई घटना के बाद टीन शेड में रह रहे लोग बाहर निकल आए। यहां विस्थापितों ने टीन शेड की व्यवस्था के लिए तैनात कर्मचारी को उठाने का प्रयास किया तो उसने दरवाजा ही नहीं खोला। इसके बाद विस्थापितों ने डायल 100 वाहन को फोन लगाया। डायल 100 वाहन के पुलिसकर्मी, विद्युत कर्मचारियों को लेकर पहुंचे और बिजली बंद कराई। टीन शेड की विद्युत व्यवस्था देख रहे पीडब्ल्यूडी उपयंत्री राजेंद्र मुजाल्दा ने बताया कि रात में वॉल्टेज कम ज्यादा हो रहा था, जिसके कारण शार्ट सर्किट हुआ है। यहां न्यूटल की भी परेशानी आ रही है। कुछ लोग यहां हीटर और इंडक्शन भी उपयोग में ला रहे है। वो बंद करवाए गए है। बिजली की व्यवस्था सूचारू कर दी गई है।
बच्चों की पढ़ाई भी हुई बंद
पाटी नाका स्थित टीन शेड राजघाट, जामदा, पिछोड़ी, पेंड्रा, नंदगांव के डूब प्रभावितों के लिए बनाया गया था। यहां वर्तमान में सौंदुल, जांगरवा, अंजड़ तहसील के मोहीपुरा, धनोरा तक के डूब प्रभावितों को रखा गया है। दूर-दूर से आए विस्थापितों के साथ बच्चे भी शामिल है। इन बच्चों की पढ़ाई भी अब प्रभावित हो रही है। मोहीपुरा और धनोरा डूब क्षेत्र से आए प्रभावितों के बच्चे या तो अंजड़ या तलून में पढ़ रहे है। वहां तक बच्चों को भेजने की कोई व्यवस्था भी नहीं है। वहीं, टीन शेड में आ रहे भोजन को लेकर भी लोगों ने शिकायत की है। अंतरसिंह जामसिंह, प्रेमबाई हुकुमचंद ने बताया कि पतली मूंग की दाल दे रहे है। वहीं, रोजाना आलू की सब्जी दी जा रही है, जिसमें आलू ही नहीं मिलते। इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन सुधार नहीं हुआ। डूब प्रभावितों का कहना था कि भोजन बाहर से आने की बजाए टीन शेड में ही बनाया जाए।
आज मनाएंगे शोक दिवस
मंगलवार को डूब प्रभावित और नबआं कार्यकर्ता शोक दिवस मनाएंगे। इस दौरान कारंजा शहीद स्मारक के पास एकत्रित होकर डूब प्रभावित रैली निकालेंगे और डूब का विरोध करेंगे। नबआं कार्यकर्ता राहुल यादव ने बताया कि डेम साइट पर प्रधानमंत्री अपना जन्मदिन मनाएंगे। इसके विरोध में डूब प्रभावित शोक दिवस मनाएंगे। वहीं, मंगलवार को मप्र के एनवीडीए मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल भी डूब क्षेत्र और अस्थाई पुनर्वास स्थलों का दौरा करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सरदार सरोवर के अवैध जलमग्नता के खिलाफ दर्ज याचिका पर सुनवाई 18 को
सरदार सरोवर बांध में पानी के स्तर में वृद्धि के कारण अवैध और अन्यायपूर्ण डूब से प्रभावित लोगों ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर की है। ये रिट याचिका सोमवार को जस्टिस रामन्ना तथा जस्टिस रस्तोगी के सामने सुनवाई के लिए पेश की गई। याचिककर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील संजय पारीख ने बताया कि परियोजना प्रभावित हजारों लोगों का पुनर्वास लंबित होने के बावजूद नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने गुजरात राज्य के आग्रह पर कि बांध की सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए जल स्तर 136.68 मीटर तक बढ़ाए जाने की अनुमति दी। इस निर्णय को एनडब्ल्यूडीटीए और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के विपरीत होने के कारण अवैध होने के रूप में चुनौती दी गई। इस सबमिशन पर सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय पारीख की अपील महाराष्ट्र व गुजरात राज्यों पर कार्रवाई हो, इसकी अनुमति दी और 18 सितंबर को सुनवाई रखने का निर्णय लिया।
डूब प्रभवितों के बीच पहुंचकर पैरालीगल वालेंटियरों ने देखी व्यवस्थाएं
सरदार सरोवर के बैक वाटर से डूब प्रभावित ग्रामों एवं उनके रहवास के लिए बनाए गए अस्थाई पुनर्वास टीन शेड स्थलों पर पहुंचकर पैरालीगल वालेंटियरों ने उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं डीजे रामेश्वर कोठे तथा सचिव हेमंत जोशी के मार्गदर्शन में पैरालीगल वालेंटियर शिविर लगा रहे है। डूब प्रभावित ग्राम जांगरवा में नाव के सहारे पहुंचे पैरालीगल वालेंटियरों ने डूब प्रभावितों से पानी, बिजली, खाने की जानकारी प्राप्त कर उन्हें विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने वाले नि:शुल्क कानूनी सुविधाओं, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से भी अवगत कराया। साथ ही डूब प्रभावित परिवारों से चर्चा कर जाना कि उनके बच्चे स्कूल एवं आंगनवाड़ी जा रहे हैं या नहीं। इस मौके पर वालेंटियर योगेश चोयल, सरदार बघेल, अनिता चोयल, सचिन नरगांवे, शिवानी चोयल, अमिना खान, प्रीति सोलंकी, पूनम अलोने, अंकिता गुप्ता मौजूद थे।
डूब प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर कांग्रेस ने दिया ज्ञापन
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी बड़वानी ने सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर डूब प्रभावितों के पुनर्वास की मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष तुलसीराम यादव ने बताया कि डूब प्रभावितों की कई समस्याओं का निराकरण आज भी नहीं हुआ है। वर्तमान में सरदार सरोवर बांध के कारण नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया है। जिसमें अनेक गांव, कृषि भूमि, मकान डूब गए हैं। जो कृषि भूमि टापू बनी है और मकान डूब में आए हैं, उन्हें पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाए। डूब प्रभावितों को संपूर्ण लाभ दिया जाए। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मण चौहान, जिपं सदस्य करण दरबार, पार्षद सुनील यादव, पूर्व पार्षद अशोक गोले सहित कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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