बच्चों को परंपरा की मिलती है सीख
निमाड़ अंचल में अमावस्या को डोडगली अमावस के रूप में मनाने की परंपरा है। गांव के किशोरों का कहना है कि इस त्योहार को मनाकर हमारे अंचल में प्रचलित वर्षों पुरानी परंपरा को जानने का मौका मिलता है। परंपरा के तहत निमाड़ के हर गांव में किशोर व बच्चों का समूह अपने में से ही एक बच्चे को पलाश के पत्तों से ढाककर तथा रस्सी से बांध गांव की गलियों व मोहल्लों में घूमते हैं। पलाश के पत्तों से ढंके बच्चे को डेडर (मेेंढक) का प्रतीक मानकर बड़ व बुजुर्ग पूजन कर अच्छी बारिश की कामना करते हैं।
पलाश के पत्तों से ढंका बच्चा, बच्चे।
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