बड़वानी

ठिठुरती ठंड में गुजरती है तकलीफों भरी रात

लाखों का आय दिलाने वाले सौंफ उत्पादक किसानों को नहंीं मिल रही सुविधा, सौंफ मंडी में खुले में रात बिताने बना मजबूरी, नहीं है सही व्यवस्था

बड़वानीJan 21, 2019 / 11:03 am

मनीष अरोड़ा

The cold night passes in trouble

ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. क्षेत्र की सबसे बड़ी सौंफ मंडी में प्रतिवर्ष लाखों रुपए की आय दिलाने वाले किसानों के लिए सुविधाएं नहीं हैं। बाहर से रात के समय आने वाले किसानों को ठिठुरती ठंड में रात गुजारना मजबूरी हो गया है। ठंड में ये किसान मंडी शेड में सौंफ की बोरिया के आसपास ही ओड़ कर सोए रहते हैं। इनके लिए यहां न तो अलाव की कोई व्यवस्था है और ना ही कक्ष में रहने के लिए कोई सुविधा। पिछले कई सालों से यहां ऐसा ही होते आ रहा है। प्रतिवर्ष से सौंफ उत्पादक किसान मंडी को लाखों रुपए की आय दिलाते हैं, उसके बाद भी इन किसानों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मंडी प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां रात के समय पहुंचने वाले किसानों ने बताया कि ठंड के दिनों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ठंड की ठिठुरन में रात काटना मजबूरी बन गई है। यहां किसानों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हो पा रही है। किसानों ने बताया कि किसी से कुछ कहो तो सुनवाई भी नहीं होती है। ऐसे में इसी तरह रात काट रहे हैं। किसानों ने बताया कि यहां सौंफ की चौकीदारी करते हुए जैसे-तैसे रात गुजारते हैं।
800 बोरी के आसपास हुई आवक
रविवार को मंडी में करीब 800 बोरी सौंफ की आवक हुई। व्यापारियों के मुताबिक आवक में थोड़ी कमी आई है। हालांकि इस बार सौंफ के भाव किसानों को थोड़ ठीक मिले हैं। व्यापारियों ने बताया कि सौंफ के भाव 70 से 135 रुपए प्रति किलो तक रहे हैं। वहीं किसानों ने बताया कि सौंफ के भाव इस तरह से मिलें तो उन्हें कुछ फायदा हो। सौंफ के कम भावों को लेकर किसानों में नारजगी बनी रहती है।
दूर-दूर से आते हैं किसान
प्रदेश की सबसे बड़ी सौंफ मंडी में अपनी उपज बेचने के लिए बड़वानी सहित धार, अलीराजपुर, खरगोन तक के किसाना प्रति सप्ताह यहां पहुंचते हैं। वहीं यहां खरीदी के लिए स्थानीय व्यापारियों के साथ इंदौर और गुजरात तक के व्यापारी पहुंचते हैं।

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