scriptMP के किसानों के हिस्से का पानी जा रहा गुजरात के किसानों को | To fill Sardar Sarovar dam, left water from Indira Sagar Dam | Patrika News

MP के किसानों के हिस्से का पानी जा रहा गुजरात के किसानों को

locationबड़वानीPublished: Apr 26, 2019 11:07:42 am

इंदिरा सागर से छोड़ा जा रहा पानी, कपास की बुआई में आएगी परेशानी, गुजरात के दबाव में काम कर रही नर्मदा कंट्रोल अथार्टी, नर्मदा बचाओ आंदोलन ने लगाया आरोप, मप्र के किसानों से हो रहा अन्याय

To fill Sardar Sarovar dam, left water from Indira Sagar Dam

To fill Sardar Sarovar dam, left water from Indira Sagar Dam

बड़वानी. गुजरात के किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए मप्र के किसानों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। सरदार सरोवर बांध को भरने के लिए लगातार इंदिरा सागर बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। ये सारा काम केंद्र की एजेंसी नर्मदा कंट्रोल अथार्टी (एनसीए), एनवीडीए और गुजरात के अधिकारियों के गठजोड़ से हो रहा है। नर्मदा घाटी के डूब प्रभावितों और किसानों के हितों की रक्षा के लिए बने एनसीए ये काम केंद्र के दबाव में कर रहा है। ये आरोप नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने एनवीडीए और एनसीए सहित मप्र शासन पर लगाया है।
मेधा पाटकर ने बताया कि ट्रिब्यूनल द्वारा गुजरात को 9.25 एमएफ (मिलियन एकड़ लीटर) पानी आवंटित किया गया है। सरदार सरोवर बांध की क्षमता इतनी नहीं है कि वो गुजरात के हिस्से का सारा पानी संग्रहित कर सके। इसलिए इंदिरा सागर बांध से नियमित रूप से पानी छोड़ा जा रहा है।इंदिरा सागर बांध के उपयोगी जल भंडार से जुलाई 2018 से लेकर अब तक करीब 6.5 एमएफ पानी छोड़ा जा चुका है। जबकि इंदिरा सागर बांध के जल भराव की क्षमता 8 एमएएफ है।इतना सारा पानी छोड़े जाने से गर्मीमें इंदिरा सागर बांध की क्षमता खत्म हो जाएगी। ऐसे में मई के दूसरे सप्ताह में शुरू होने वाली कपाई की बोवनी को लेकर किसानों को परेशानी आ सकती है। ऐसा लग रहा है मानों प्रदेश सरकार को किसानों की कोईचिंता नहीं है, सारा पानी गुजरात पर लुटा दिया जाएगा तो प्रदेश के किसान खेती कैसे करेंगे।
सरदार सरोवर को भरने के लिए खाली हुआ था इंदिरा सागर
मेधा पाटकर ने बताया कि दो साल पहले सितंबर में सरदार सरोवर बांध के लोकार्पण के लिए बांध को भरा गया था। प्रदेश में कम बारिश होने के बाद भी केंद्र के दबाव में इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से लगातार पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण ऊपरी बांध पूरी तरह से खाली हो गए थे। बांध के लोकार्पण के बाद भी ये सिलसिला कुछ समय थमने के बाद फिर शुरू हो गया। आश्चर्य की बात ये है कि 2018 में भी ऊपरी बांधों से लगातार उसी गति से पानी छोड़ा जा रहा है।पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी रहा तो बारिश के पूर्व ही इंदिरा सागर खाली हो जाएगा।
तुरंत रोक लगाए प्रदेश सरकार
नबआं नेत्री मेधा पाटकर ने बताया कि इस मामले में मप्र के नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल और प्रदेश नेतृत्व को किसानों के हित में इसका पता लगाना चाहिए कि पानी क्यो और किसलिए छोड़ा जा रहा है। साथ ही इस पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए अन्यथा कपास की फसल के लिए प्रदेश के किसानों को सिंचाई का पानी नहीं मिल पाएगा। जिस प्रकार अधिकारियों की कारस्तानी की वजह से पॉवर सरप्लस मप्र में मेंटनेंस के नाम पर जबरन अघोषित बिजली कटौती का खेल चल रहा है, उसी प्रकार का खेल सरदार सरोवर के पानी को लेकर चल रहा है। सरकार को समय रहते इस पर कार्रवाईकरना चाहिए।
अब तक इंदिरा सागर से छोड़ा गया पानी
माह – पानी (मिलियन क्यूबिक मीटर में)
जुलाई 2018- 240.93 एमसीएम
अगस्त 2018 – 524.6 1 एमसीएम
सितंबर 2018 – 158 8 .8 0 एमसीएम
अक्टूबर 2018 – 116 5.27 एमसीएम
नवंबर 2018 – 8 54.42 एमसीएम
दिसंबर 2018 – 977.52 एमसीएम
जनवरी 2019 – 6 73.34 एमसीएम
फरवरी 2019 – 570.6 9 एमसीएम
मार्च 2019 – 920.92 एमसीएम
अप्रैल 2019 (16 अप्रैल तक) – 354.73 एमसीएम
कुल – 78 71.23 एमसीएम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो